पीएम मोदी का ऐतिहासिक घाना दौरा: 30 साल बाद पहले भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा, चार समझौतों पर हस्ताक्षर
अकरा, 3 जुलाई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 साल बाद घाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने हैं। बुधवार को घाना पहुंचने पर राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई।
चार समझौतों पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा की उपस्थिति में भारत और घाना ने चार द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेंगे।घाना संसद में पीएम का संबोधन
घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करना मेरे लिए गर्व की बात है। घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह भूमि लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है।” उन्होंने दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा की उपस्थिति में भारत और घाना ने चार द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेंगे।घाना संसद में पीएम का संबोधन
घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करना मेरे लिए गर्व की बात है। घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह भूमि लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है।” उन्होंने दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर दिया।
सर्वोच्च सम्मान के लिए आभार
पीएम मोदी ने घाना द्वारा दिए गए सर्वोच्च सम्मान के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा, “घाना सोने के लिए जाना जाता है, लेकिन यह पहचान सिर्फ उसकी धरती की नहीं, बल्कि यहां के लोगों के दिलों की है। मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करता हूं।”यह दौरा भारत-घाना संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रतीक है, जिसमें दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पीएम मोदी ने घाना द्वारा दिए गए सर्वोच्च सम्मान के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा, “घाना सोने के लिए जाना जाता है, लेकिन यह पहचान सिर्फ उसकी धरती की नहीं, बल्कि यहां के लोगों के दिलों की है। मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करता हूं।”यह दौरा भारत-घाना संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रतीक है, जिसमें दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
