फाइलेरिया से जुड़े मिथक दूर कर रहा रोगी सहायता समूह : डीएमओ

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान व सीफार संस्था के सहयोग से ब्लॉक भीतरगांव के ग्राम अमौर और कुदौली में फाइलेरिया (हाथी पांव) ग्रस्त कुल 42 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट प्रदान की गई। साथ ही रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके बताए गए।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) एके सिंह का कहना है कि फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी से जुड़े मिथक को भी दूर कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पहली बार 17 से 31 जुलाई तक प्रस्तावित दस्तक पखवाड़े के दौरान नये फाइलेरिया रोगी भी ढूंढे जाएंगे। दस्तक पखवाड़े के दौरान लक्षणों को पूछकर आशा कार्यकर्ता फाइलेरिया के मरीजों की लिस्ट तैयार करेंगी। नये हाथीपांव के मरीजों को एमएमडीपी किट दी जाएगी और रोग प्रबन्धन के तरीके सिखाए जाएंगे, जबकि हाइड्रोसील के मरीजों को सर्जरी की सुविधा दिलवाई जाएगी।
मलेरिया इंस्पेक्टर मंजीत सिंह ने फाइलेरिया रोग प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण दिया और कहा कि फाइलेरिया ग्रस्त प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। उन्होंने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया के कारण, लक्षण, पहचान, जांच, उपचार व बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग (हाथ-पैरों में सूजन व घाव की स्थिति) के बारे में जानकारी दी।
मां काली सहायता समूह की फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य शिव देवी (62) ने बताया कि उन्हें हाथीपांव है, पहले उपचार के बारे पता नहीं था, लेकिन अब समूह से जुड़कर डॉक्टर से हाथी पांव के देखभाल के लिये सम्पूर्ण जानकारी मिली और साथ ही एमएमडीपी किट भी दी गई। वह अपने सूजे हुये पैरों की नियमित देखभाल कर रही हैं। इससे साफ-सफाई बनी रहती है। मां काली सहायता समूह के अन्नतु सिंह (60) ने बताया कि वह 20 साल से फाइलेरिया हाथीपांव से ग्रसित हैं अब किट के जरिये हम अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करते हैं साथ में योगा व सामान्य व्यायाम कर रहे हैं जिससे आराम मिल रहा है। इसके अलावा समुदाय में फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं।
इस मौके पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमौर की इंचार्ज डॉ सुचि, फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य सहित आशा कार्यकर्ता व संगिनी एवं सीफार संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
