Parliament Winter Session Row: शीतकालीन सत्र में ‘ड्रामा vs डिलीवरी’ पर महासंग्राम, अखिलेश और डिंपल यादव का PM मोदी पर तीखा पलटवार!
Parliament Winter Session Row: संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) की शुरुआत के साथ ही, सत्ता पक्ष (Ruling Party) और विपक्ष (Opposition) के बीच तीखे जुबानी हमले शुरू हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मीडिया से बात करते हुए विपक्ष को नसीहत दी थी कि सदन में “ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए” और सत्र को गरिमामय तरीके से चलाया जाए। पीएम के इस बयान पर विपक्ष ने इसे तुरंत पलटवार का हथियार बना लिया है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने पीएम के बयान पर कड़ा तंज कसा है। वहीं, कांग्रेस (Congress) सांसद इमरान मसूद (Imran Masood) ने भी पीएम को “असली ड्रामेबाज” बताते हुए घेरा है। विपक्ष ने मुख्य रूप से मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया में हो रही जल्दबाजी और बीएलओ (BLO) पर बढ़ते दबाव का मुद्दा उठाया है। तो चलिए जानते हैं पूरे मामले पर किसने क्या कहा और यह सियासी ड्रामा क्यों गरमाया है, जानते हैं विस्तार से…
पीएम मोदी का बयान: सदन में ड्रामा नहीं, डिलीवरी हो
संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) की शुरुआत से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सदन के सुचारू संचालन को लेकर विपक्ष से अपील की थी। मीडिया को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया कि सदन में “ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए”। उन्होंने विपक्ष से सदन को गरिमामय और सुचारु ढंग से चलाने में सहयोग की अपील की। पीएम मोदी के इस बयान का सीधा लक्ष्य विपक्ष के संभावित विरोध प्रदर्शनों और सदन की कार्यवाही बाधित करने की आशंकाओं को रोकना था। उन्होंने देश के विकास और जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही, ताकि सत्र में महत्वपूर्ण बिलों (Important Bills) को पारित किया जा सके और जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके।
अखिलेश यादव का तंज: ड्रामा कौन करता है, सबको पता है…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयान पर समाजवादी पार्टी प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “ड्रामा कौन करता है ये आपको भी पता है…”। उन्होंने पीएम के ‘ड्रामा’ शब्द के प्रयोग पर पलटवार करते हुए कहा कि, “ड्रामा का उपयोग इसलिए करना क्योंकि D से डेमोक्रेसी है।” अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आगे कहा कि उनकी मांग यह है कि सरकार को ईमानदारी से काम करना चाहिए और किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे को उठाते हुए सवाल किया, “जिन बीएलओ (BLO) की जान जा रही है तो क्या वो ड्रामा था….”। उन्होंने सरकार से पारदर्शिता (Transparency) बरतने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी मतदाता (Voter) छूटे नहीं।
डिंपल यादव का पलटवार: SIR की जल्दबाजी और बीएलओ पर दबाव
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने भी प्रधानमंत्री के ‘ड्रामा’ वाले बयान का जवाब ‘ड्रामा’ से ही दिया। उन्होंने एसआईआर (SIR – Special Intensive Revision) अभियान में हो रही जल्दबाजी पर सरकार को घेरा। डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने कहा कि पूरा विपक्ष यही मांग कर रहा है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बंगाल (Bengal) में जो एसआईआर इतनी जल्दबाजी में हो रहा है, वह क्यों हो रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि बिहार (Bihar) में हुई एसआईआर एक्सरसाइज ने पहले ही चुनाव के नतीजों पर प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ 60 प्रतिशत लोग ही फॉर्म भर पाए हैं, जबकि 40 प्रतिशत लोग बाकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएलओ (BLO) पर बहुत दबाव है, जिसकी वजह से वे आत्महत्या (Suicide) कर रहे हैं।
कांग्रेस ने भी घेरा: ‘असली ड्रामेबाज कौन है, देश जानता है’
कांग्रेस (Congress) सांसद इमरान मसूद (Imran Masood) ने भी पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के बयान को लेकर उन पर जोरदार हमला बोला। इमरान मसूद ने सवाल किया कि “हम लोग ड्रामा कर रहे हैं? इनसे बड़ा कोई ड्रामेबाज है।” उन्होंने भीड़ और वोट पर तंज कसते हुए कहा, “भीड़ हमारी सभा में होती है पर वोट इनको मिल जाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके नेता को पीएम के ‘बेईमानी वाले टिप्स’ नहीं चाहिए। मसूद ने आरोप लगाया कि विपक्ष जब भी कोई प्रस्ताव (Proposal) लाता है, तो सरकार उसे खारिज कर देती है और सदन ये लोग चलने नहीं देते हैं। इन तीखी प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट है कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सार्थक चर्चा से पहले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक नया सियासी संग्राम छिड़ गया है।