• December 27, 2025

महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर मंदिर में दिन में होगी भस्मारती

 महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर मंदिर में दिन में होगी भस्मारती

सनातन धर्म परंपरा में जिस प्रकार शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में नवरात्रि मनाई जाती है, उसी प्रकार उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है। बारह ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ही शिव नवरात्रि उत्सवपूर्वक मनाई जाती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी 29 फरवरी से प्रारम्भ हो गया है, श्री महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलेगा। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान जी के पट दर्शन हेतु लगभग 44 घंटे दर्शन हेतु खुले रहेगे।

महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पूजन विधान

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, 08 मार्च 2024 महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु श्री महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 02:30 बजे खुलेगे। भस्मारती उपरांत 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा।

सायं 04 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान महाशिवरात्रि पर्व पर भी गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा।

रात्रि में सायं 07 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की जायेगी। रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि 09 मार्च प्रात: 06 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन श्रृंगार चलेगा ।

जिसमे एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जायेगा। उसके पश्यात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाँच फलो के रसो से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 शहद, 15 किलो घी) से अभिषेक, गंगाजल, गुलाब जल, भाँग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा। अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जायेगा ।

जिसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा जिसमे चावल, खडा मूग, तिल, मसूर, गेहू, जव, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहेगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियो द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा।

भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जायेगा। भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जायेगी। श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जायेगे। सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी । भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा । 9 मार्च को सायं पूजन, श्रृंगार, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पट मंगल होगे। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान पट लगभग 44 घण्टे खुले रहेंगे।

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