जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए उम्मीदवार न उतारे पीडीपी : उमर अब्दुल्ला
गांदरबल, 25 अगस्त। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार को महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार न उतारे, क्योंकि उनका एजेंडा एक ही है।अब्दुल्ला की यह टिप्पणी महबूबा के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि उनकी पार्टी कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को पूरा समर्थन देगी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में नेशनल कॉन्फ्रेंस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा चुनावों के लिए व्यापक घोषणापत्र तैयार किया है, जिसकी अन्य पार्टियों ने नकल की है। उन्होंने शनिवार को जारी पीडीपी के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हमने घोषणापत्र में कुछ भी नहीं छोड़ा है। उनकी पार्टी ने सत्ता में आने पर 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। हमने घोषणापत्र में कहा कि हम पहले साल में एक लाख सरकारी नौकरियां देंगे। हमने नियंत्रण रेखा के पार मार्गों को फिर से खोलने की बात की है। हमने बातचीत के दरवाजे खुले रखने की बात की है। पीडीपी की पेशकश पर अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी और पीडीपी के एजेंडे में बहुत अंतर नहीं है। पीडीपी ने कहा कि अगर एनसी-कांग्रेस गठबंधन उनके एजेंडे को स्वीकार करता है तो वे उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।
उमर के भाषण से पहले एनसी नेताओं ने अब्दुल्ला से विधानसभा चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और उनसे अब्दुल्ला के पारिवारिक गढ़ गांदरबल से चुनाव लड़ने को कहा। हालांकि, अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद यह मेरी पहली प्रचार सभा है। इसे दक्षिण कश्मीर में पहले चरण के मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में होना चाहिए था। यह एक संकेत हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैं किसी से जनादेश छीनने या जनादेश देने नहीं आया हूं, फैसला पार्टी और पार्टी अध्यक्ष के पास है। लेकिन मैं यह बात कहूंगा कि हम पार्टी कार्यकर्ताओं से सलाह किए बिना कोई फैसला नहीं करेंगे। अब्दुल्ला ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावों के दौरान सतर्क रहने को कहा। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में पैसा पानी की तरह बांटा जाएगा। कई एजेंसियां पैसा बांटेंगी लेकिन आपको उन लोगों से सतर्क रहना होगा।
प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) नेताओं के स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने पर विचार करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है। यह लोकतंत्र की खूबसूरती है। मैंने मीडिया में पढ़ा कि जेईआई चाहता था कि उस पर प्रतिबंध हटा दिया जाए ताकि वे चुनाव लड़ सकें। दुर्भाग्य से चुनाव का बिगुल बज गया और प्रतिबंध नहीं हटाया जा सका। आज, ऐसी खबरें हैं कि वे स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ेंगे। हम चाहते थे कि वे जेईआई के नाम पर अपने स्वयं के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ें, लेकिन उन्हें स्वतंत्र रूप से भी चुनाव लड़ने दें। अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें मैदान में उतरना चाहिए, अपना घोषणापत्र और वादे लेकर आना चाहिए। फिर यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे किसे वोट देना चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गांदरबल से चुनाव लड़ेंगे, उमर ने कहा कि पार्टी इस पर निर्णय लेगी।