लखनऊ में नए सर्किल रेट लागू: गोमती नगर, इंदिरा नगर में जमीन के दामों में उछाल, प्रॉपर्टी खरीदना हुआ महंगा
लखनऊ / 1 अगस्त : राजधानी लखनऊ में 10 साल बाद सर्किल रेट में संशोधन हुआ है, और नए रेट 1 अगस्त 2025 से लागू हो गए हैं। इस बदलाव ने गोमती नगर, इंदिरा नगर, महानगर, और अन्य प्रमुख इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतों को आसमान छूने पर मजबूर कर दिया है। कृषि भूमि पर 15%, व्यावसायिक संपत्तियों पर 25%, और बहुमंजिला इमारतों पर 20% तक की बढ़ोतरी ने जमीन, मकान, दुकान, और फ्लैट खरीदने को और महंगा कर दिया है। आइए, जानते हैं गोमती नगर से इंदिरा नगर तक के प्रमुख इलाकों में नए सर्किल रेट और उनके प्रभाव।
नए सर्किल रेट: प्रमुख इलाकों की सूची
लखनऊ जिला प्रशासन ने 77 प्रमुख सड़कों और 26 अधिकृत कॉलोनियों के लिए सर्किल रेट में 15-25% की औसत बढ़ोतरी प्रस्तावित की थी, जो अब लागू हो चुकी है। कुछ पॉश इलाकों में यह वृद्धि 50% तक भी है। नीचे प्रमुख इलाकों के नए सर्किल रेट दिए गए हैं (प्रति वर्ग मीटर, रुपये में):गोमती नगर:विराज खंड और विभूति खंड 70,000 (लखनऊ में सबसे महंगा), गोमती नगर (सामान्य): 33,000 – 77,000, गोमती नगर एक्सटेंशन पुलिस स्टेशन से हेल्थ सिटी एक्सटेंशन: 55,000, चिनहट तिराहा से मल्हौर स्टेशन (एल्डेको तिराहा के रास्ते): 55,000, इंदिरा नगर: 35,000 – 62,000इंदिरा नगर सेक्टर-11 से ताकरोही और अमराई टेंपो स्टैंड तिराहा: 16,500, महानगर: 41,000 – 65,000गोल मार्केट से अयोध्या रोड (निशातगंज ब्रिज के नीचे): 53,000, विभूति खंड: विभूति खंड पुलिस चौकी से हयात रीजेंसी होटल और पिकअप चौक: 70,000, विराज खंड रोड फ्लाईओवर से लोहिया पथ पर बैंक ऑफ इंडिया: 70,000
फ्लैट्स/अपार्टमेंट्स (बहुमंजिला इमारतों में): 18,000 – 26,000 प्रति वर्ग मीटर, स्थान के आधार पर। वाणिज्यिक संपत्तियां: दुकानों, कार्यालयों, और गोदामों के लिए सर्किल रेट में 20-50% की अतिरिक्त वृद्धि। कृषि भूमि: ग्रामीण क्षेत्रों में 15% की वृद्धि।
सर्किल रेट क्या है और इसका प्रभाव
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर किसी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। यह स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना के लिए आधार होता है। नए रेट लागू होने से:स्टांप ड्यूटी में वृद्धि: पुरुषों के लिए 7%, महिलाओं के लिए 6% (10 लाख से कम की संपत्ति) या 7% (10 लाख से अधिक)। उदाहरण के लिए, गोमती नगर में 800 वर्ग मीटर की संपत्ति (70,000/वर्ग मीटर) की कीमत 5.6 करोड़ होगी, और पुरुष खरीदार को 39.2 लाख स्टांप ड्यूटी देनी होगी। रजिस्ट्रेशन शुल्क: संपत्ति मूल्य का 2%, अधिकतम 20,000, और 10,200 का कोर्ट शुल्क।
प्रॉपर्टी कीमतों में उछाल: गोमती नगर और विभूति खंड जैसे पॉश इलाकों में जमीन की कीमतें अब 70,000 प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गई हैं, जो बाजार मूल्य के करीब हैं। वाणिज्यिक संपत्तियां महंगी: हाईराइज टावर, होटल, और शॉपिंग मॉल की मांग के चलते गोमती नगर, अंसल, और शहीद पथ जैसे इलाकों में कीमतें दोगुनी-तिगुनी हो गई हैं।
सर्किल रेट में बढ़ोतरी के कारण
लखनऊ जिला प्रशासन ने 2015 के बाद पहली बार सर्किल रेट संशोधित किए हैं। इसके पीछे कई कारण हैं:बाजार मूल्य से अंतर कम करना: सर्किल रेट और बाजार मूल्य के बीच का अंतर कम करने के लिए यह कदम उठाया गया, ताकि सरकार को स्टांप ड्यूटी से अधिक राजस्व मिले।
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: गोमती नगर, विभूति खंड, और शहीद पथ जैसे इलाकों में हाईराइज टावर, मॉल, और मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स ने जमीन की मांग बढ़ाई है। शहरीकरण: लखनऊ का तेजी से शहरीकरण और कनेक्टिविटी सुधार (जैसे जेवर एयरपोर्ट और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे) ने प्रॉपर्टी की कीमतों को बढ़ाया है। आर्थिक विकास: लखनऊ उत्तर प्रदेश का प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र बन रहा है, जिससे प्रॉपर्टी की मांग बढ़ी है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
खरीदारों पर बोझ: नए रेट से प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो गया है, खासकर मध्यम वर्ग के लिए। रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी की लागत बढ़ने से कुल खर्च में इजाफा हुआ है। निवेशकों का रुझान: गोमती नगर और इंदिरा नगर जैसे इलाकों में प्रॉपर्टी की मांग बनी रहेगी, लेकिन ग्रामीण और कम विकसित क्षेत्रों में खरीदारी कम हो सकती है। सरकारी राजस्व में वृद्धि: सरकार को स्टांप ड्यूटी से अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, जो विकास योजनाओं में इस्तेमाल होगा
