सिद्धू मूसेवाला की डॉक्यूमेंट्री: परिवार की नामंजूरी के बावजूद रिलीज, पिता बलकौर सिंह की नाराजगी
सिद्धू मूसेवाला की विरासत और विवाद
पंजाबी संगीत जगत के चमकते सितारे सिद्धू मूसेवाला, जिनका असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था, भले ही आज हमारे बीच न हों, लेकिन उनकी आवाज और गीत आज भी लाखों दिलों में गूंजते हैं। 29 मई 2022 को उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। उनकी जिंदगी और मृत्यु पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री, “दा किलिंग कॉल,” बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा बनाई गई, जिसकी रिलीज ने विवादों को जन्म दिया है। सिद्धू के पिता, बलकौर सिंह, ने इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ कड़ा ऐतराज जताया है, लेकिन परिवार की आपत्तियों के बावजूद यह 11 जून 2025 को, सिद्धू के 32वें जन्मदिन पर, रिलीज हो गई। इस लेख में हम इस विवाद, डॉक्यूमेंट्री के कंटेंट, और इसके पीछे की कहानी को विस्तार से समझेंगे।
डॉक्यूमेंट्री का विवाद: परिवार की नाराजगी
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की डॉक्यूमेंट्री “दा किलिंग कॉल” सिद्धू मूसेवाला की जिंदगी, उनके संगीत, और उनकी हत्या के इर्द-गिर्द घूमती है। इसकी स्क्रीनिंग 11 जून 2025 को मुंबई के जुहू स्थित सोहो हाउस में प्रस्तावित थी, लेकिन सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने इसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश की। उन्होंने महाराष्ट्र के डीजीपी और जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, साथ ही मानसा कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग की। बलकौर सिंह का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू की निजी जिंदगी, अप्रकाशित फुटेज, और हत्या से जुड़ी संवेदनशील जानकारी का इस्तेमाल बिना परिवार की सहमति के किया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि यह न केवल सिद्धू की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि उनकी हत्या से जुड़े चल रहे कोर्ट केस को भी प्रभावित कर सकती है। बलकौर ने यह भी दावा किया कि डॉक्यूमेंट्री में उन लोगों के इंटरव्यू शामिल हैं, जो सिद्धू की हत्या के मामले में एफआईआर में नामजद हैं, जैसे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का ऑडियो संदेश।
रिलीज का समय और जन्मदिन का संयोग
डॉक्यूमेंट्री के दो एपिसोड 11 जून 2025 को, सिद्धू मूसेवाला के जन्मदिन पर, बीबीसी के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किए गए। यह तारीख सिद्धू के फैंस के लिए बेहद खास है, क्योंकि उसी दिन उनकी नई एल्बम ‘मूसे प्रिंट’ भी रिलीज हुई, जिसमें तीन गाने—0008, नील, और टेक नोट्स—शामिल हैं। बलकौर सिंह ने इस बात पर विशेष नाराजगी जताई कि डॉक्यूमेंट्री की रिलीज डेट को जानबूझकर सिद्धू के जन्मदिन पर रखा गया, जिसे वे अपने बेटे की विरासत को नुकसान पहुंचाने की साजिश मानते हैं।
परिवार की कानूनी लड़ाई
बलकौर सिंह ने न केवल महाराष्ट्र पुलिस को पत्र लिखा, बल्कि बीबीसी और डॉक्यूमेंट्री के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भी भेजा। उनके वकील गुरबिंदर सिंह के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कहा गया कि यदि स्क्रीनिंग नहीं रोकी गई, तो वे क्रिमिनल केस, हर्जाना, और कोर्ट से स्थगन आदेश की मांग करेंगे। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सिद्धू की हत्या की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, और इस तरह की सामग्री सबूतों और सार्वजनिक धारणा को प्रभावित कर सकती है। मानसा कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 12 जून 2025 को होनी है।
डॉक्यूमेंट्री का कंटेंट: क्या है खास?
“दा किलिंग कॉल” में सिद्धू की जिंदगी, उनके संगीत करियर, और उनकी हत्या की पृष्ठभूमि को दर्शाया गया है। इसमें कई पत्रकारों, सिद्धू के दोस्तों, और दिल्ली व पंजाब पुलिस के अधिकारियों के इंटरव्यू शामिल हैं। विवाद का एक बड़ा कारण गोल्डी बराड़ का ऑडियो संदेश है, जो सिद्धू की हत्या का मुख्य आरोपी है। इसके अलावा, डॉक्यूमेंट्री में ऐसी सामग्री है, जो पहले कभी सार्वजनिक नहीं की गई, जिसे बलकौर सिंह ने “गैरकानूनी” और “मानसिक उत्पीड़न” करार दिया है।
सिद्धू मूसेवाला की विरासत
सिद्धू मूसेवाला ने अपनी अनोखी गायकी और गीत लेखन से पंजाबी संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2020 में द गार्जियन ने उन्हें 50 उभरते कलाकारों में शामिल किया था। उनकी हत्या के बाद भी उनके गाने, जैसे ‘मूसे प्रिंट’ एल्बम, लाखों बार देखे गए। उनकी मृत्यु के बाद उनके फैन बेस में और इजाफा हुआ, और फैंस ने इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ फैंस इसे सिद्धू की कहानी को दुनिया तक पहुंचाने का माध्यम मानते हैं, जबकि अन्य परिवार की भावनाओं का सम्मान करने की मांग कर रहे हैं।
सामाजिक और कानूनी सवाल
यह विवाद कलाकारों की निजता, परिवार के अधिकारों, और सार्वजनिक जानकारी के बीच संतुलन का सवाल उठाता है। बलकौर सिंह का मानना है कि इस डॉक्यूमेंट्री से सिद्धू की विरासत को नुकसान पहुंच सकता है। दूसरी ओर, बीबीसी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यह मामला न केवल सिद्धू के परिवार के लिए, बल्कि उनके प्रशंसकों के लिए भी भावनात्मक है, क्योंकि सिद्धू की तीसरी पुण्यतिथि हाल ही में 29 मई 2025 को मनाई गई थी।
सिद्धू की विरासत और परिवार का संघर्ष
सिद्धू मूसेवाला की डॉक्यूमेंट्री “दा किलिंग कॉल” ने एक बार फिर उनके जीवन और मृत्यु को सुर्खियों में ला दिया है। परिवार की नामंजूरी के बावजूद इसके रिलीज होने से नाराजगी और विवाद बढ़ गया है। बलकौर सिंह की कानूनी लड़ाई और उनकी भावनात्मक अपील सिद्धू की विरासत को बचाने की कोशिश है। दूसरी ओर, फैंस के बीच इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर उत्साह और आलोचना दोनों देखने को मिल रही है। मानसा कोर्ट में 12 जून की सुनवाई इस मामले में अगला महत्वपूर्ण कदम होगी। क्या यह डॉक्यूमेंट्री सिद्धू की कहानी को सम्मान देगी, या परिवार की चिंताओं को हकीकत में बदल देगी? यह समय ही बताएगा।
