किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही: 12 लोगों के शव बरामद, मचैल माता यात्रा के लिए जुटे श्रद्धालु बहे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
लखनऊ/ 14 अगस्त : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर क्षेत्र में चशोटी गांव के पास 14 अगस्त 2025 को दोपहर 12:30 बजे बादल फटने की घटना ने भयंकर तबाही मचाई। यह हादसा मचैल माता मंदिर की वार्षिक धार्मिक यात्रा के शुरुआती बिंदु पर हुआ, जहां सैकड़ों श्रद्धालु जुटे थे। अब तक 12 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, और 200 से 300 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और मलबे ने चशोटी गांव में कई घरों, टेंटों, और लंगर स्थलों को बहा दिया। NDRF, SDRF, सेना, और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
घटना का विवरण
14 अगस्त 2025 को दोपहर 12:30 से 1:00 बजे के बीच चशोटी गांव में बादल फटने की घटना हुई। चशोटी, मचैल माता मंदिर के लिए 8.5 किमी की पैदल यात्रा का शुरुआती बिंदु है, जो 9,500 फीट की ऊंचाई पर किश्तवाड़ से 90 किमी दूर है। इस समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए जुटे थे, और लंगर की व्यवस्था चल रही थी। अचानक आए मलबे और बाढ़ के सैलाब ने लंगर स्थल, टेंट, और आसपास के घरों को तबाह कर दिया। कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग तेज बहाव में बह गए।
मृतकों और लापता लोगों की स्थिति
अब तक 12 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें मचैल माता यात्रा के श्रद्धालु और स्थानीय लोग शामिल हैं। कुछ रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 15 तक बताई जा रही है, लेकिन प्रशासन ने अभी 12 की पुष्टि की है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, 200 से 300 लोग लापता हैं, जिनमें श्रद्धालु और स्थानीय निवासी शामिल हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। 25 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। कुछ गंभीर रूप से घायलों को उधमपुर और जम्मू रेफर किया गया है।
रहत और बचाव कार्य
ख़बरों के मुताबिक NDRF की दो टीमें उधमपुर से और SDRF, सेना, और स्थानीय पुलिस की टीमें किश्तवाड़ से घटनास्थल पर पहुंची हैं। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह बचाव कार्य की निगरानी के लिए मौके पर हैं। उपायुक्त ने कहा, “बचाव अभियान युद्धस्तर पर शुरू किया गया है। मचैल माता मंदिर की वार्षिक यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं से खराब मौसम के चलते यात्रा टालने की अपील की गई है।
नुकसान का आकलन
चशोटी गांव में कई घर, टेंट, और लंगर स्थल पूरी तरह बह गए। मलबे ने गांव की घनी बस्ती को भारी नुकसान पहुंचाया। मचैल माता यात्रा के लिए जुटे हजारों श्रद्धालु प्रभावित हुए। लंगर स्थल, जो सैकड़ों लोगों को भोजन प्रदान कर रहा था, पूरी तरह तबाह हो गया। श्रीनगर मौसम केंद्र ने अगले 4-6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश, बादल फटने, और भूस्खलन की चेतावनी दी है।
मचैल माता यात्रा का महत्व
मचैल माता मंदिर, किश्तवाड़ के पड्डर क्षेत्र में स्थित, मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। हर साल अगस्त में हजारों श्रद्धालु इस दुर्गम पहाड़ी रास्ते से मंदिर तक पैदल यात्रा करते हैं। चशोटी गांव इस यात्रा का आखिरी मोटर योग्य पड़ाव है, जहां से 8.5 किमी की पैदल यात्रा शुरू होती है। इस दौरान भारी भीड़ के कारण क्षेत्र आपदा के प्रति संवेदनशील हो जाता है।
किश्तवाड़ में पहले भी बादल फटने की घटना
एंकिश्तवाड़ में बादल फटने की यह पहली घटना नहीं है:28 जुलाई 2021 होंजर डच्चन गांव में बादल फटने से 6 लोगों की मौत हुई और 30-40 लोग लापता हुए। गुलाबगढ़ और चशोटी में बादल फटने से 5 लोग मारे गए और 50 के करीब लापता हुए।
