मां वैष्णवी की भक्ति में झूमी महिलाएं ,लगाये जयकारे
नवरात्र महोत्सव के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप के दर्शन-पूजन के लिए नगर के तमाम देवी मंदिरों में भक्तों की कतारें लगी रहीं। नारियल, चुनरी, बताशा और फल आदि अर्पित कर भक्तों ने पूरे विधि विधान से मां का पूजन किया। दिनभर दर्शन-पूजन का दौर चला। इससे माहौल भक्तिमय बना रहा।
श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर परिवार की समृद्धि की कामना की। घरों में पूजन कर भजन और कीर्तन किया।कात्यायनी मंदिर में महिला मंडली ने मां की बेहद सुंदर भेंटें प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बनाए रखा।मंदिर के संस्थापक गुरुविंदर सलूजा ने बताया कि सोमवार को मां दुर्गा के स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। मां का यह रूप काफी शांत और मोहक माना जाता है, जो व्यक्ति मां के इस रूप की पूजा करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्षमाला और कमंडल सुसज्जित है।
माता का यह रूप ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रेरित करता है। श्रद्धालुओं को पीले रंग के वस्त्रधारण कर मां की पूजा करने से अत्यंत शुभ रहता है। मां को कमल का फूल, गुड़हल का फूल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दूध, दही शहद भी मां को अर्पित करने और गाय के घी का दीपक प्रज्ज्वलित करने से मां सभी कामनाएं पूरी करती हैं। देवी दुर्गा का यह दूसरा रूप भक्तों एवं सिद्धों को अमोघ फल देने वाला है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से मनुष्य को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है, तथा जीवन की अनेक समस्याओं एवं परेशानियों का नाश होता है।





