फतेहाबाद में गेहूं के फसली अवशेषों को जलाने पर रोक

गेहूं की कटाई शुरू होने के साथ ही खेतों में किसानों द्वारा गेहूं के अवशेषों को जलाना भी शुरू कर दिया गया है। इस पर रोक लगाते हुए जिलाधीश राहुल नरवाल ने जिला फतेहाबाद में तुरंत प्रभाव से गेहूं की फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। सोमवार को जारी आदेशों में उन्होंने सभी कंबाइन हारवेस्टर मशीन के मालिकों को आदेश दिए है कि वे गेहूं की फसल की कटाई के दौरान अपनी कंबाइन हारवेस्टर मशीनों में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएसएमएस) लगवाना सुनिश्चित करें। बिना एसएसएमएस कंबाइन हारवेस्टर मशीनों द्वारा गेहूं की फसल काटने पर पूर्णतया: रोक रहेगी।
यह आदेश फसल रबी सीजन 2024 समाप्त होने तक प्रभावी रहेंगे। उन्होंने बताया कि रबी की फसल के दौरान किसानों द्वारा गेहूं की फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों में आग लगा दी जाती है जो कि वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 तथा भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन है। इन अवशेषों के जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, संपत्ति की हानि, तनाव, क्रोध तथा जीवन को बाहरी खतरे की संभावना रहती है। जबकि इन अवशेषों से पशुओं के लिये तूड़ा बनाया जा सकता है। इसके जलाने से चारे की भी कमी हो जाती है। उपरोक्त आदेशों की की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा।
