एफिडेविट की स्याही में डूबी जान: क्या 16 साल के आदिल का खून गवाही की सजा था?
मेरठ, 4 अक्टूबर 2025: एक साधारण कागज पर हस्ताक्षर ने क्या एक मासूम की जिंदगी छीन ली? मेरठ के लोहियानगर में 16 साल के आदिल की गोली मारकर हत्या ने पूरे इलाके को सिहरा दिया, जहां वायरल वीडियो में हत्यारा बेखौफ फायरिंग करता नजर आ रहा। 65 दिन पहले अबरार हत्याकांड में आरोपियों के बचाव में एफिडेविट पर साइन करने की ‘गलती’ ने उसे निशाना बना दिया। मां फरजाना चीख-चीखकर योगी सरकार से एनकाउंटर की गुहार लगा रही हैं, जबकि परिवार डर से घरों में कैद। लेकिन सवाल तो उठता ही है: क्या मुखबिरी का शक ही बदले की आग बन गया, या पुरानी रंजिशें अबरार के बेटे इमरान को भड़का रही? आइए, इस खौफनाक साजिश की परतें खोलें।
एफिडेविट पर साइन ने चिह्नित किया निशाना
मेरठ के लोहियानगर थाना क्षेत्र के नरहाड़ा गांव में रहने वाला 16 साल का आदिल एक कपड़े की दुकान पर मजूरी करता था, परिवार में मां फरजाना और दो छोटे भाई। 65 दिन पहले गली में अबरार नामक शख्स की गोली मारकर हत्या हो गई, जिसमें कुछ पड़ोसियों पर आरोप लगा। लेकिन आदिल समेत 15 लोगों ने एफिडेविट पर साइन कर गवाही दी कि आरोपी घटना के वक्त घर पर थे। यह कागज अबरार के परिवार को नागवार गुजरा, खासकर उसके बेटे इमरान को—जिसका शक था कि मुखबिरी से हत्या हुई। आदिल का घर अबरार के ठीक सामने था, इसलिए शक की सुई उसी पर अटक गई। 15 दिन पहले हमजा नामक पड़ोसी ने आदिल का पीछा कर धमकी दी थी। 1 अक्टूबर को दोस्त बनकर बुलाया, जंगल के ट्यूबवेल पर बेहोश कर गला दबाया, फिर सीने में तीन गोलियां मार दीं। वीडियो में 12 सेकंड में फायरिंग, भागते वक्त रील बनाई—सबूत के तौर पर या डराने के लिए। यह हत्या न सिर्फ बदले की, बल्कि गवाही की आजादी पर हमला लगती।
बेखौफ बदमाशों ने फैलाई खौफ की लहर
दिनदहाड़े ट्यूबवेल पर आदिल को दो दोस्तों ने बहला-फुसला कर ले जाकर हत्या की, और घटना का लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। क्लिप में हत्यारा आदिल को जमीन पर पटकता है, फिर बिना पलक झपकाए तीन राउंड फायर करता है—सीने पर ताबड़तोड़ गोलियां। भागते हुए बाइक पर दो आरोपी रील बनाते नजर आते हैं, जो डर का पैगाम है बाकी साइन करने वालों के लिए। मां फरजाना ने बताया, “वीडियो इसलिए बनाया ताकि बाकी लोग चुप रहें।” पुलिस ने आदिल का फोन जब्त कर लिया, सीडीआर निकाल रही। रिपोर्ट में मां ने इमरान पर मुख्य साजिश रचने का आरोप लगाया—उसने हमजा को पैसे देकर हत्या करवाई। हमजा, आदिल का ही दोस्त था, जो जुलकमर के साथ फरार। वीडियो वायरल होते ही इलाके में सनसनी, पड़ोसी डर से घरों में दुबके। एसएसपी ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, लेकिन कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए।
एनकाउंटर की मांग, पुलिस की कार्रवाई
आदिल के दो छोटे भाइयों—फाजिल समेत—ने भी एफिडेविट साइन किया था, इसलिए परिवार घर से बाहर नहीं निकल रहा। मां फरजाना रोते हुए कहती हैं, “हमजा-जुलकमर सुपारी किलर हैं, इमरान ने पैसे दिए। योगी जी, एनकाउंटर करो, वरना बाकी बेटों को भी मार डालेंगे।” पड़ोसी इमरान को ‘रसूखदार’ बताते हैं, जो पिता अबरार की मौत का बदला लेना चाहता। पुलिस ने लोहियानगर थाने में फाजिल की तहरीर पर 8 नामजद—इमरान, सलमान, नवाब, शावेज, इकबाल, हमजा, जुलकमर—के खिलाफ IPC की हत्या, साजिश व आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाईं। स्वॉट टीम ने जुलकमर को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार किया, हमजा फरार। एसएसपी रीता फौजदार ने कहा, जांच तेज, सीसीटीवी व सीडीआर से सुराग। लेकिन परिवार का डर बरकरार—क्या बाकी गवाह सुरक्षित रहेंगे? विशेषज्ञ कहते हैं, गवाही की सुरक्षा जरूरी, वरना न्याय व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी।
