यूपी में तेंदुए का आतंक: 11 साल की बच्ची को खींचकर मारा, धड़-हाथ अलग मिले, शव से गायब था मांस
24 जुलाई 2025 : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। नहटौर के मलकपुर गांव में बुधवार रात 11 साल की बच्ची रीता कुमारी को तेंदुआ खींचकर ले गया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। गुरुवार सुबह गन्ने के खेत में उसका क्षत-विक्षत शव मिला, जिसमें धड़ और हाथ अलग थे, और शव से मांस गायब था। यह बिजनौर में पिछले 20 महीनों में तेंदुए के हमले से 27वीं मौत है। ग्रामीणों में आक्रोश और डर का माहौल है, और वे तेंदुए को मानव भक्षी घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
घटना का भयावह विवरण
बुधवार रात करीब 9:30 बजे रीता अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी झाड़ियों से निकला तेंदुआ उसे खींचकर पास के गन्ने के खेत में ले गया। उसकी चीख सुनकर मां सुनीता देवी और पड़ोसियों ने शोर मचाया, लेकिन तेंदुआ उसे लेकर जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों ने रातभर खोजबीन की, लेकिन कुछ नहीं मिला। गुरुवार सुबह शव मिलने पर वन विभाग और पुलिस को सूचना दी गई। पोस्टमॉर्टम में गहरे घाव और मांस खाए जाने की पुष्टि हुई। वन विभाग ड्रोन और ट्रैप कैमरों से तेंदुए की तलाश में जुटा है।
ग्रामीणों का आक्रोश और मांग
मलकपुर और आसपास के गांवों में तेंदुए के आतंक से लोग सहमे हुए हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नहटौर-नजीबाबाद मार्ग जाम कर दिया। वे तेंदुए को पकड़ने या मारने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। ग्राम प्रधान राकेश कुमार ने कहा, “20 महीने में 27 लोग मारे गए, फिर भी वन विभाग सो रहा है।” प्रदर्शनकारियों ने तेंदुए को मानव भक्षी घोषित करने की मांग की। डीएफओ नवीन सोनकर ने बताया कि दो पिंजरे लगाए गए हैं और एनटीसीए से तेंदुए को पकड़ने की अनुमति मांगी गई है।
प्रशासन की कार्रवाई और सियासी हलचल
जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने पीड़ित परिवार को तत्काल 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और राशन देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया और तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेष दस्ते गठित करने का आदेश दिया। विपक्षी नेता अखिलेश यादव ने इसे सरकार की नाकामी बताया और मुआवजे को बढ़ाकर 25 लाख करने की मांग की। सोशल मीडिया पर लोग वन्यजीवों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव पर चिंता जता रहे हैं। बिजनौर में तेंदुए के हमलों ने सुरक्षा और संरक्षण नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
