इटावा में जमीन विवाद बना खूनी संघर्ष: भाई ने भाई को कुल्हाड़ी से मार डाला, तीन घायल
घटना का विवरण और हिंसा की शुरुआत
घटना इटावा के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के टोडा गांव में सोमवार शाम को हुई। कृपाल सिंह (55) और उनके छोटे भाई राम किशोर के बीच उनके पिता शिववीर सिंह की 16 बीघा जमीन का बंटवारा पहले ही हो चुका था, जिसमें दोनों को 6-6 बीघा जमीन मिली थी। शेष 4 बीघा जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। पुलिस के अनुसार, राम किशोर ने इस जमीन पर फसल बोने की कोशिश की, जिसका कृपाल ने विरोध किया। इससे गुस्साए राम किशोर ने कृपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे उनके सिर पर गहरी चोट लगी और वे मौके पर ही ढेर हो गए। बीच-बचाव करने आए कृपाल की पत्नी, बेटा बॉबी, और बेटी पर भी राम किशोर ने हमला किया, जिससे वे घायल हो गए।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही सिविल लाइंस थाना के SHO विक्रम सिंह और क्षेत्राधिकारी (CO) सिटी अभय नारायण राय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। कृपाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। कृपाल की बेटी ने अपने चाचा राम किशोर पर पिता की हत्या और परिवार पर हमले का आरोप लगाया है। पुलिस ने राम किशोर के खिलाफ हत्या और मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है, और उसकी तलाश जारी है। CO सिटी ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच जमीन को लेकर लंबे समय से तनाव था, जो इस खूनी संघर्ष का कारण बना।
जमीन विवादों की गंभीरता और सामाजिक प्रभाव
यह घटना उत्तर प्रदेश में जमीन विवादों की गंभीरता को उजागर करती है। इटावा सहित कई जिलों में पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को लेकर परिवारों में तनाव और हिंसा की घटनाएं आम हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, स्पष्ट कानूनी दस्तावेजों की कमी और पारिवारिक असहमति ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती हैं। टोडा गांव में इस घटना ने स्थानीय समुदाय में दहशत फैला दी है। कृपाल की बेटी ने प्रशासन से दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जमीनी बंटवारे के मामलों में त्वरित कानूनी हस्तक्षेप और मध्यस्थता की जरूरत है।
