JNU के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बवाल, देश के कॉलेजों तक ऐसे पहुंचा BBC डॉक्यूमेंट्री विवाद
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर विवाद थमा नहीं है। सियासी गलियारों से होता हुआ यह विवाद विश्वविद्यालयों में घर कर रहा है। ताजा मामला हैदराबाद यूनिवर्सिटी का है, जहां तनाव बढ़ता नजर आया। यहां स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी SFI ने डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन का आयोजन किया था। इसके जवाब में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ दिखाने की तैयारी कर ली।
तमिलनाडु में छात्रों ने शुक्रवार को दोपहर तीन बजे मद्रास कॉलेज में स्क्रीनिंग की तैयारी की थी। हालांकि, उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। खबर है कि मामले में कुल 20 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के चलते 13 छात्रों को हिरासत में लिया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को रिपब्लिक डे परेड के बाद छात्रों को छोड़ दिया गया था।
पुडुचेरी में SFI की तरफ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद ABVP के सदस्यों ने कथित तौर पर नारेबाजी की। खबर है कि दोनों संगठनों के कुछ सदस्यों के बीच हाथापाई भी हुई। छात्रों ने दावा किया है कि कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही वाईफाई कनेक्शन बंद कर दिया गया था।
सरकार ने लगाई है रोक
बीते सप्ताह सरकार ने ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी लिंक्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे। विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को ‘प्रोपेगैंडा पीस’ बताया था। सरकार की तरफ से लगाई गई रोक के विरोध में कई राजनीतिक दलों ने भी जमकर विरोध जताया था।
सियासी विरोध
तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा, डेरेक ओ ब्रायन ने विवादित डॉक्यूमेंट्री की लिंक्स शेयर की थी। वहीं, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नेता भी सरकार की रोक पर सवाल उठा चुके हैं। हाल ही में केरल कांग्रेस ने सार्वजनिक तौर पर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल ने जारी विवाद पर प्रतिक्रिया देने के बाद पार्टी के सभी पद छोड़ दिए थे।