एजबेस्टन टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति: भारत के विकल्प और रणनीति
भारत और इंग्लैंड के बीच 2 जुलाई 2025 से शुरू होने वाले एजबेस्टन टेस्ट में भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के नहीं खेलने की संभावना ने टीम प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में 0-1 से पिछड़ने के बाद, भारत के लिए यह मैच महत्वपूर्ण है। बुमराह की गैरमौजूदगी, जो वर्कलोड मैनेजमेंट और पीठ की चोट के कारण है, भारत को अपनी गेंदबाजी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर रही है।
बुमराह की अनुपस्थिति: एक बड़ा झटका
जसप्रीत बुमराह, जो दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज हैं, ने हेडिंग्ले टेस्ट में 5/83 के आंकड़े के साथ भारत की गेंदबाजी की अगुवाई की थी। हालांकि, दूसरी पारी में वे विकेट नहीं ले सके और 44 ओवर फेंकने के बाद उनकी अनुपस्थिति की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। भारतीय कोच गौतम गंभीर ने पुष्टि की कि बुमराह केवल तीन टेस्ट खेलेंगे, और एजबेस्टन में उनकी भागीदारी पर फैसला पिच और उनके शरीर की स्थिति पर निर्भर करेगा। डिनेश कार्तिक ने कहा, “एजबेस्टन की सपाट पिच और बुमराह के हाल के ओवरों का बोझ उन्हें आराम देने के लिए प्रेरित कर सकता है।” बुमराह की अनुपस्थिति में भारत को 20 विकेट लेने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, खासकर इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाजों जैसे बेन डकेट और जो रूट के सामने, जिन्होंने हेडिंग्ले में 371 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल किया था।
संभावित रिप्लेसमेंट: कौन लेगा बुमराह की जगह?
बुमराह की अनुपस्थिति में मोहम्मद सिराज गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करेंगे। सिराज ने हेडिंग्ले में 2/173 के आंकड़े के साथ निराश किया, लेकिन उनकी अनुभव और गति उन्हें मुख्य गेंदबाज बनाती है। अन्य विकल्पों में शामिल हैं:
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अर्शदीप सिंह: पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने अर्शदीप को लेफ्ट-आर्म स्विंग गेंदबाज के रूप में सुझाया है। उनकी स्विंग और एजबेस्टन की परिस्थितियों में विविधता उपयोगी हो सकती है।
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आकाश दीप: युवा तेज गेंदबाज आकाश दीप ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्रभावित किया था और उनकी गति और सटीकता भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है।
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कुलदीप यादव: सुनील गावस्कर ने शार्दुल ठाकुर की जगह कुलदीप को शामिल करने की सलाह दी है, क्योंकि एजबेस्टन की पिच रिस्ट स्पिनरों के लिए मददगार हो सकती है।
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प्रसिद्ध कृष्णा: प्रसिद्ध ने हेडिंग्ले में दो विकेट लिए और उनकी उछाल वाली गेंदबाजी इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है। टीम प्रबंधन चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने पर विचार कर सकता है, जिसमें रविंद्र जडेजा नंबर 7 पर बल्लेबाजी करेंगे।
नई गेंदबाजी रणनीति: फुल लेंथ पर जोर
हेडिंग्ले में भारत की हार ने गेंदबाजी रणनीति की कमियों को उजागर किया। सचिन तेंदुलकर ने सुझाव दिया कि भारत को स्टंप्स पर फुल लेंथ गेंदबाजी पर ध्यान देना चाहिए, जो बाउंड, एलबीडब्ल्यू, और कैच जैसे तीन प्रमुख डिसमिसल ला सकती है। बेन डकेट, जो रूट, और अन्य इंग्लिश बल्लेबाजों के आउट होने का विश्लेषण दिखाता है कि फुल गेंदें सबसे प्रभावी थीं। सिराज को अपनी हिट-द-डेक शैली को बदलकर स्टंप्स पर गेंदबाजी करनी होगी। कुलदीप की रिस्ट स्पिन से वैरिएशन मिल सकता है, जबकि अर्शदीप या आकाश दीप की स्विंग गेंदबाजी इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाजों को रोक सकती है। गंभीर ने कहा, “हमारे पास अनुभवहीन गेंदबाज हैं, लेकिन उनमें क्वालिटी है। हमें अधिक निरंतरता चाहिए।” भारत को इंग्लैंड की बॉलिंग यूनिट की तरह अनुशासित और रणनीतिक होने की जरूरत है।
एजबेस्टन की पिच और भारत की उम्मीदें
एजबेस्टन की पिच आमतौर पर बल्लेबाजी के लिए अनुकूल होती है, लेकिन बादल छाए रहने पर स्विंग गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। डिनेश कार्तिक ने कहा, “एजबेस्टन की सपाट पिच बुमराह के लिए मेहनतकश होगी, इसलिए आराम का फैसला समझदारी भरा है।” भारत को पहले टॉस जीतकर गेंदबाजी करने पर विचार करना चाहिए, ताकि शुरुआती नमी का फायदा उठाया जा सके। कुलदीप और जडेजा की स्पिन जोड़ी मध्य सत्रों में महत्वपूर्ण होगी, जबकि सिराज और आकाश दीप को शुरुआती विकेट लेने होंगे। गंभीर ने भरोसा जताया कि अनुभवहीन गेंदबाज सीखेंगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। भारत के लिए यह टेस्ट सीरीज को 1-1 से बराबर करने का मौका है, और सही रणनीति और खिलाड़ियों का चयन इसे संभव बना सकता है।
