हर महिला को शस्त्र प्रशिक्षण और साथ में शस्त्र रखना जरूरी: अनुराधा कच्छप

विश्व हिंदू परिषद की महिला इकाई दुर्गा वाहिनी और मातृ शक्ति की ओर से हर वर्ष शस्त्र पूजन किया जाता है। इस वर्ष भी इसका आयोजन झारखंड प्रांत के सभी जिलों और नगरों में होगा। हर महिला को शस्त्र प्रशिक्षण और साथ में शस्त्र रखना जरूरी है। ये बातें रविवार को प्रांत दुर्गा वाहिनी संयोजिका अनुराधा कच्छप ने कही।
उन्होंने कहा कि दुर्गा वाहिनी की बहनें सफेद सलवार-कुर्ता, भगवा दुपट्टा, हाथ में शस्त्र लिए शौर्य से परिपूर्ण युवतियों कि तस्वीर के साथ शस्त्र पूजा का आयोजन करेगी। दुर्गा वाहिनी शक्ति स्वरूपिणी माता दुर्गा को प्रेरणास्रोत मानती है। इसकी स्थापना 1991 में दुर्गा अष्टमी के दिन हुई थी और प्रथम संयोजिका (अध्यक्ष) साध्वी ऋतंभरा एवं सह संयोजिका डॉक्टर निर्मला पुरोहित को बनाया गया था। इनके नेतृत्व में ही सेवा, सुरक्षा और संस्कार को अपना ध्येय वाक्य मानकर देशभर की महिलाओं और युवतियों ने समाज में व्याप्त बुराइयों के प्रति जागरूक करने का कार्य प्रारंभ किया।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले महिलाओं को अपने अस्मिता की सुरक्षा कैसे करनी है, इस पर कार्य करना जरूरी है। आत्म सुरक्षा के गुण को नहीं अपनाने और कुल-धर्म को नहीं समझ पाने के कारण ही लव जिहाद जैसे कारनामों से हमारी बहनों का जीवन बर्बाद हो रहा हैं। इन्हीं विषयों को ध्यान में रखकर सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हमारा समाज अभी कहीं ना कहीं आधुनिकता के नाम पर पश्चात संस्कृति की ओर बढ़ रहा है। हम किस प्रकार से अपने बच्चों को अपने परिवार को अपने संस्कारों को रुचि पूर्वक आत्मसात करने में सहयोग करें इन्हीं सारी विषयों को लेकर दुर्गा वाहिनी समाज में कार्यरत है। इसके लिए दुर्गा वाहिनी प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण भी देती है।
