गाजा पर इजरायल का दोहरा हमला: हवाई हमलों से दो इमारतें ढहीं, जमीनी अभियान ने बढ़ाई तबाही
गाजा सिटी, 16 सितंबर 2025 : मंगलवार रात को गाजा पट्टी में इजरायल ने एक बार फिर अपना दोहरा हमला शुरू कर दिया। पहले हवाई हमलों ने गाजा सिटी की दो बड़ी इमारतों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए। इसके ठीक बाद इजरायली सेना ने बड़े पैमाने पर जमीनी अभियान की घोषणा की, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। यह हमला लगभग दो साल पुराने इजरायल-हमास संघर्ष को और भयानक बना रहा है, जहां अब तक 64,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।गाजा पट्टी, जो दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला इलाका है, पहले से ही युद्ध की तबाही से जूझ रहा है। इजरायली सेना ने कहा कि ये हमले हमास के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किए गए हैं। एक सेना अधिकारी ने बताया, “हम गाजा सिटी में हमास के सैन्य केंद्रों पर कार्रवाई कर रहे हैं। नागरिकों को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि वे इलाके को खाली कर दें।” लेकिन गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे “नागरिकों पर हमला” बताया है। उन्होंने कहा कि ध्वस्त इमारतों में ज्यादातर परिवार रहते थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे।हमले की शुरुआत मंगलवार रात करीब 10 बजे हुई, जब इजरायली लड़ाकू विमानों ने गाजा सिटी के तल अल-हवा इलाके में दो बहुमंजिला इमारतों पर बम गिराए।
पहली इमारत अल-कौथर टावर थी, जो एक रिहायशी भवन था। इजरायल का दावा है कि हमास यहां जासूसी और सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहा था। हमले से इमारत धूल के ढेर में बदल गई। आसपास के लोग मलबे के नीचे दब गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम सो रहे थे। अचानक जोरदार धमाका हुआ। पूरा घर हिल गया। मेरी पड़ोसी का परिवार मलबे में फंस गया।” दूसरी इमारत अल-रॉया टावर थी, जो हाल ही में इजरायल द्वारा चिह्नित की गई थी। यहां भी कम से कम 20 लोग मारे गए।इन हवाई हमलों के बाद, बुधवार सुबह इजरायली सेना ने जमीनी अभियान शुरू करने की घोषणा की। टैंकों, सैनिकों और भारी हथियारों के साथ इजरायली बल गाजा सिटी के उत्तरी और मध्य हिस्सों में घुसपैठ कर रहे हैं। सेना ने कहा कि यह अभियान नेट्ज़रिम कॉरिडोर को मजबूत करने के लिए है, जो गाजा को दो हिस्सों में बांटता है। एक अधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य हमास को पूरी तरह खत्म करना है। लाखों नागरिकों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया गया है।” लेकिन गाजा प्राधिकरण का कहना है कि 13 लाख से ज्यादा लोग अभी भी उत्तरी गाजा में फंसे हैं, क्योंकि सड़कें बमबारी से बंद हैं।यह जमीनी हमला इजरायल की लंबे समय से चली आ रही रणनीति का हिस्सा लगता है। अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद, जब 1,200 इजरायली मारे गए और 250 बंधक बनाए गए, इजरायल ने गाजा पर पूर्ण नाकाबंदी लगा दी। तब से हवाई और जमीनी हमले जारी हैं। हाल ही में, 10 सितंबर को इजरायल ने कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर हवाई हमला किया था, जिसमें छह लोग मारे गए। कतर ने इसे “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” कहा।
अब गाजा में यह नया अभियान शांति वार्ताओं को पटरी से उतार सकता है। अमेरिका, कतर और मिस्र द्वारा मध्यस्थता हो रही थी, लेकिन इजरायल का कहना है कि हमास बंधकों की रिहाई पर सहमत नहीं हो रहा।गाजा के लोग इस हमले से बेहद डरे हुए हैं। एक स्थानीय निवासी, अहमद अल-मसरी ने फोन पर बताया, “हमारे पास खाने-पीने की कोई चीज नहीं बची। बच्चे भूखे हैं। इजरायल कहता है कि हमास को निशाना बना रहे हैं, लेकिन हम आम लोग हैं। हर रात बम गिरते हैं, नींद नहीं आती।” संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में भुखमरी की स्थिति है। 20 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा विस्थापित हो चुके हैं। अस्पतालों में दवाइयां और बेड की कमी है। हाल के हमलों में स्कूल और अस्पताल भी निशाना बने हैं। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2025 में एक स्कूल पर हमले में 33 लोग मारे गए थे, जिनमें 14 बच्चे शामिल थे।इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद में कहा, “हमास को खत्म करना हमारा अधिकार है। ये हमले आतंकवाद के खिलाफ हैं।” लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया तीखी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इजरायल से तत्काल संघर्ष विराम की मांग की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वे इजरायल का समर्थन करते हैं, लेकिन नागरिक हताहतों पर चिंता जताई। यूरोपीय संघ ने हमलों की स्वतंत्र जांच की मांग की। हमास ने जवाब में इजरायल पर रॉकेट दागे, लेकिन ज्यादातर इंटरसेप्ट हो गए।
इस संघर्ष की जड़ें गहरी हैं। गाजा पट्टी, जो इजरायल और मिस्र की सीमा पर है, 2007 से हमास के नियंत्रण में है। इजरायल इसे आतंकी संगठन मानता है। 2023 के हमले के बाद इजरायल ने गाजा पर 94 हवाई हमले किए, जिनमें हजारों इमारतें ढह गईं। अब जमीनी अभियान से स्थिति और खराब हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल गाजा के 50 प्रतिशत से ज्यादा इलाके पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। इससे फिलिस्तीनियों का पुनर्वास मुश्किल हो जाएगा।गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार के हमलों में मरने वालों में 12 बच्चे और 8 महिलाएं शामिल हैं। घायलों को इलाज के लिए दक्षिणी गाजा के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है, लेकिन रास्ते में बमबारी से खतरा है। एक डॉक्टर ने कहा, “हमारे पास सर्जरी के लिए बिजली नहीं है। मरीज दर्द में तड़प रहे हैं।” मानवीय संगठन जैसे रेड क्रॉस ने अपील की है कि सहायता पहुंचाने दिया जाए। लेकिन इजरायल ने कहा कि हमास सहायता को हथियार बना रहा है।दुनिया भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। लंदन, न्यूयॉर्क और दिल्ली में फिलिस्तीन समर्थक सड़कों पर उतर आए। भारत ने भी शांति की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम हिंसा के खिलाफ हैं और दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहते हैं।” लेकिन फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही। इजरायल का जमीनी अभियान जारी है, और गाजा के लोग अनिश्चितता में जी रहे हैं।यह संघर्ष कब खत्म होगा, कोई नहीं जानता। लेकिन एक बात साफ है – आम नागरिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। गाजा की सड़कें मलबे से भरी हैं, घर उजड़ गए हैं, और परिवार बिखर गए हैं। अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है, लेकिन इजरायल अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए है। उम्मीद है कि जल्द ही शांति की कोई राह निकले, ताकि ये तबाही रुके।
