ईरान का गुस्सा: 6 न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की मौत पर इजरायल को चेतावनी, ‘कुचल देने वाली प्रतिक्रिया’ का ऐलान
मध्य-पूर्व में बढ़ता तनाव
12 जून 2025 की देर रात इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए बड़े पैमाने पर हवाई हमलों ने मध्य-पूर्व के पहले से नाजुक हालात को और विस्फोटक बना दिया है। इन हमलों में ईरान के छह प्रमुख न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ कमांडर हुसैन सलामी की मौत ने ईरान को गुस्से से लाल कर दिया है। ईरान ने इसे “युद्ध की घोषणा” करार देते हुए इजरायल को “कुचल देने वाली प्रतिक्रिया” की चेतावनी दी है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। इस लेख में हम इस हमले, ईरान की प्रतिक्रिया, और इसके वैश्विक प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।
हमले का मंजर: इजरायल की “ऑपरेशन राइजिंग लायन”
इजरायल ने 12 जून 2025 को देर रात “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य शहरों में सैन्य और न्यूक्लियर ठिकानों पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इजरायली सेना (IDF) ने दावा किया कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को नष्ट करने के लिए किया गया, जो उनके अनुसार “इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा” बन गया था। हमलों में तेहरान के पास परचिन और खोजिर सैन्य परिसरों को निशाना बनाया गया, जहां मिसाइल उत्पादन और न्यूक्लियर रिसर्च होता है। ईरानी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में छह प्रमुख न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स—डॉ. फेरेयदून अब्बासी, डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची, अब्दुलहामिद मिनोउचेहर, अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी, सईद अमीरहुसैन फ़ेक़ी, और मोतलाबिजादेह—मारे गए। इसके अलावा, रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ कमांडर हुसैन सलामी की भी मौत हो गई, जो ईरान के सैन्य ढांचे का एक बड़ा नुकसान है।
ईरान की प्रतिक्रिया: “इजरायल का भविष्य तय”
हमले के तुरंत बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कड़ा बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “जायोनी शासन ने हमारे नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला कर अपने लिए कड़वी और दर्दनाक नियति तैयार कर ली है। उसे इसका सामना करना पड़ेगा।” खामेनेई ने इजरायल को “कठोर सजा” देने की धमकी दी और कहा कि ईरान की सशस्त्र सेनाएं जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं। ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने बयान जारी कर कहा कि “सुप्रीम कमांडर के सीधे आदेश के तहत, जिम्मेदार लोगों के प्रति हमारी प्रतिक्रिया विनाशकारी होगी।” ईरान ने दावा किया कि इजरायली हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कई नागरिक भी हताहत हुए, जिसे उन्होंने “युद्ध अपराध” करार दिया।
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है, जिसमें वह इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा। साथ ही, ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं और 100 ड्रोन्स के साथ जवाबी कार्रवाई शुरू करने की खबरें हैं।
न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की मौत: ईरान के लिए बड़ा झटका
छह न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की मौत ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए एक गहरा आघात है। डॉ. फेरेयदून अब्बासी, जो कभी ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख थे, और अन्य वैज्ञानिक ईरान के न्यूक्लियर रिसर्च के अहम स्तंभ थे। इनकी हत्या ने ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने की संभावित क्षमता को कमजोर किया है, जो इजरायल का प्रमुख लक्ष्य था। ईरान ने इन वैज्ञानिकों को “शहीद” करार दिया और उनकी मौत को “राष्ट्रीय त्रासदी” बताया। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने कहा, “हमारा परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन इजरायल की यह हरकत हमारी संप्रभुता पर हमला है। हम इसका जवाब देंगे।”
इजरायल का रुख: “हमने खतरे को रोका”
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले को “लक्षित और सटीक” बताते हुए कहा कि यह ईरान के परमाणु खतरे को रोकने के लिए जरूरी था। उन्होंने ट्वीट किया, “ऑपरेशन राइजिंग लायन ने ईरान के मंसूबों को करारा जवाब दिया। हम अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।” IDF प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि हमले में न्यूक्लियर साइट्स, बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन केंद्र, और सैन्य ठिकाने नष्ट किए गए। इजरायली चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल ज़मीर ने कहा, “ईरान की इजरायल को नष्ट करने की महत्वाकांक्षा के सामने हमारे पास कोई विकल्प नहीं था।”
वैश्विक प्रतिक्रियाएं: युद्ध का खतरा
इस हमले ने वैश्विक समुदाय को चिंता में डाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि और हमले “अधिक क्रूर” होंगे। उन्होंने कहा, “ईरान के पास अभी समय है कि वह और विनाश से बच जाए।” यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की। सऊदी अरब ने हमले की निंदा की और इसे “ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया। रूस और चीन ने भी इजरायल की कार्रवाई की आलोचना की और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका जताई।
सामाजिक और क्षेत्रीय प्रभाव
तेहरान में हमले के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जहां लोग इजरायल के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। एक स्थानीय निवासी मार्ज़ीये ने रॉयटर्स को बताया, “मुझे अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता है। अगर यह तनाव बढ़ा, तो हालात और खराब होंगे।”
सोशल मीडिया पर ईरानी और इजरायली दोनों पक्षों के समर्थक अपने-अपने दावे कर रहे हैं। कुछ एक्स पोस्ट्स में ईरान की ओर से “इजरायल को नक्शे से मिटाने” की धमकी दी गई है, जो तनाव की गंभीरता को दर्शाता है। युद्ध के कगार पर मध्य-पूर्वइजरायल के इस हमले और ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया ने मध्य-पूर्व को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है। छह न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर की मौत ने ईरान को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक और वैश्विक नेताओं की अपीलें इस तनाव को कम कर पाएंगी, या यह एक पूर्ण युद्ध में बदल जाएगा, यह समय बताएगा। लेकिन एक बात साफ है—ईरान और इजरायल के बीच की यह जंग अब केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों की अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है।
