भाजपा नेत्री ज्योति मिर्धा और उसकी बहन के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप, मामला दर्ज करने के निर्देश

कांग्रेस छोडक़र भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई ज्योति मिर्धा और उसकी बहन के खिलाफ उषा पूनिया पत्नी विजय पूनिया और अनिल चौधरी पुत्र भूराराम चौधरी ने अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 6 के खिलाफ इस्तगासा दर्ज कराया, जिस पर मजिस्ट्रेट ने दोनों के प्रकरणों में उदयमंदिर थाने पुलिस को मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान करने के निर्देश दिए। मंगलवार को दोनों परिवादियों के अधिवक्ता और ऊषा पूनिया के पति विजय पूनिया ने उक्त प्रकरण की जानकारी मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि ज्योति मिर्धा और उसके तथाकथित आम मुख्तयार प्रेमप्रकाश मिर्धा और श्वेता मिर्धा ने अपराधिक षडयंत्र रचते हुए एक झूठी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड में 5 अगस्त 2021 को आईपीसी की धारा 420,447, 467, 468, 471 व 120 बी में उषा पूनिया व उसकी पुत्रियां हिमानी पूनिया व शिवानी पूनिया के खिलाफ दर्ज कराया था। इस प्रकरण को लेकर पुलिस ने और परिवादी ने विभिन्न दस्तावेज पेश किए। इस मामले में ऊषा पूनिया की ओर से अधिवक्ताओं ने संबंधित न्यायालय में काफी दस्तावेज पेश किए जिसके बाद ज्योति मिर्धा का केस खारिज होता रहा और यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक चला लेकिन मामले में हेराफेरी और दस्तावेजों में फर्जीवाड़े के चलते टिक नहीं सका।
पूरे प्रकरण में वाद अपने पक्ष में होता देखने पर उषा पूनिया पत्नी विजय पूनिया और अनिल चौधरी पुत्र भूराराम चौधरी ने आरोपितों के खिलाफ मिथ्या दस्तावेज पेश करके उनको परेशान करने पर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन नहीं करने पर परिवादी ने अपने अधिवक्ताओं के मार्फत न्यायालय में इस्तगासा पेश किया।
इस इस्तगासे पर पूरे प्रकरण को सुनने के बाद न्यायाधीश ने 17-18 नवंबर को सुनवाई के बाद आरोपित ज्योति मिर्धा पुत्री रामप्रकाश और पत्नी नरेन्द्र गहलोत, हेम श्वेता मिर्धा पुत्री रामप्रकाश पत्नी दीपेन्द्र हुडा के खिलाफ आईपीसी की धारा 211, 420, 467, 468, 471 व 120 बी में मुकदमा दर्ज करने के आदेश उदयमंदिर पुलिस को दिए।
