• October 14, 2025

कानपुर में खेल-खेल में मासूम की मौत: जूता फैक्ट्री में थ्रेड कटर सीने में लगा, आरोपी बच्चा दहशत में

लखनऊ / 30 जुलाई : उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। चकेरी थाना क्षेत्र की कच्ची बस्ती में मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को खेल-खेल में 11 वर्षीय बच्चे ने अपने 15 वर्षीय दोस्त के सीने में धागा काटने वाला थ्रेड कटर मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि नाबालिगों से मजदूरी और फैक्ट्री सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण

मृतक किशोर का नाम सुरजीत (15) था, जो चकेरी के कच्ची बस्ती में रहता था और अपने घर से महज 50 मीटर दूर एक जूता फैक्ट्री में काम करता था। मंगलवार शाम को सुरजीत अपने 11 वर्षीय दोस्त के साथ फैक्ट्री में खेल रहा था। खेल-खेल में 11 वर्षीय बच्चे ने मजाक में थ्रेड कटर (जूता बनाने में धागा काटने के लिए इस्तेमाल होने वाला औजार) सुरजीत के सीने में मार दिया। यह चोट हृदय के पास लगी, जिससे सुरजीत की हालत मौके पर ही बिगड़ गई। परिजन उसे आनन-फानन में काशीराम हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद आरोपी बच्चा दहशत में है और उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। चकेरी थाना पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह एक दुर्घटना प्रतीत हो रही है, क्योंकि दोनों बच्चे आपस में दोस्त थे और कोई पुरानी रंजिश सामने नहीं आई है।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

सुरजीत के परिजनों का इस हादसे के बाद बुरा हाल है। उनकी मां ने रोते हुए कहा, “मेरा बेटा तो बस खेल रहा था। वह रोज फैक्ट्री जाता था और शाम को घर लौट आता था। कौन सोच सकता था कि ऐसा हो जाएगा?” परिजनों ने बताया कि सुरजीत परिवार की आर्थिक मदद के लिए कम उम्र में ही जूता फैक्ट्री में काम करने लगा था। इस घटना ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

फैक्ट्री सुरक्षा और बाल श्रम पर सवाल

इस हादसे ने जूता फैक्ट्री में सुरक्षा व्यवस्था और नाबालिगों से मजदूरी जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया है। सुरजीत और आरोपी बच्चा, दोनों ही नाबालिग थे और खतरनाक औजारों के बीच काम कर रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि फैक्ट्री में नाबालिगों को काम पर रखना और बिना उचित सुरक्षा इंतजामों के खतरनाक औजारों का इस्तेमाल गैरकानूनी है। X पर एक यूजर ने लिखा, “11 और 15 साल के बच्चे जूता फैक्ट्री में काम कर रहे थे? यह बाल श्रम नहीं तो और क्या है? फैक्ट्री मालिकों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पुलिस की कार्रवाई

चकेरी थाना प्रभारी ने बताया, “यह एक दुखद हादसा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों बच्चे आपस में दोस्त थे और खेल के दौरान यह दुर्घटना हुई। आरोपी बच्चा नाबालिग है, इसलिए उससे किशोर न्याय अधिनियम के तहत पूछताछ की जा रही है। हम फैक्ट्री मालिक से भी पूछताछ करेंगे कि नाबालिगों को काम पर क्यों रखा गया था।” पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद मौत के सटीक कारण का पता चलेगा।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। X पर कई यूजर्स ने इस हादसे पर दुख जताते हुए फैक्ट्री में नाबालिगों के काम करने और सुरक्षा इंतजामों की कमी पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “खेल-खेल में एक बच्चे की जान चली गई। फैक्ट्री में इतने खतरनाक औजार बच्चों के हाथ में कैसे पहुंचे?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “कानपुर में यह हादसा बाल श्रम और लापरवाही का नतीजा है। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

बाल श्रम पर चिंता
यह घटना उत्तर प्रदेश में बाल श्रम की गंभीर समस्या को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे-छोटे कारखानों और फैक्ट्रियों में नाबालिगों को कम वेतन पर काम पर रख लिया जाता है, और वहां न तो सुरक्षा इंतजाम होते हैं और न ही बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। इस हादसे ने प्रशासन और समाज से यह सवाल पूछा है कि आखिर कब तक बच्चे ऐसी खतरनाक परिस्थितियों में काम करते रहेंगे?

 

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Rama Niwash Pandey

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