भारत-ओमान बिजनेस समिट: PM मोदी ने दिया निवेश का महामंत्र; कहा- ‘CEPA समझौते से बदलेगी 21वीं सदी की आर्थिक साझेदारी’
मस्कट, ओमान | 18 दिसंबर, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान की राजधानी मस्कट में आयोजित ‘भारत-ओमान बिजनेस समिट’ को संबोधित करते हुए दोनों देशों के आर्थिक संबंधों के एक नए युग का शंखनाद किया। प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) को एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इसकी गूंज आने वाले कई दशकों तक वैश्विक व्यापार पटल पर सुनाई देगी।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने न केवल भारत की आर्थिक प्रगति का खाका खींचा, बल्कि ओमान की कंपनियों को भारत की विकास यात्रा का सक्रिय भागीदार बनने के लिए खुला निमंत्रण भी दिया।
CEPA: द्विपक्षीय संबंधों का नया पावर हाउस
प्रधानमंत्री मोदी ने CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक और आर्थिक उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता केवल कागजों पर हस्ताक्षर नहीं है, बल्कि दो पुराने मित्रों के बीच अटूट विश्वास की नई मुहर है।
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नई ऊर्जा और आत्मविश्वास: पीएम ने कहा कि CEPA से दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों में नया आत्मविश्वास पैदा होगा। यह समझौता बाधाओं को दूर करेगा और निवेश के लिए एक सुगम रास्ता तैयार करेगा।
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दीर्घकालिक प्रभाव: प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस समझौते का असर केवल तात्कालिक व्यापार पर नहीं होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी इसके आर्थिक लाभों का आनंद लेंगी।
‘भारत की प्रगति, मित्रों की उन्नति’
प्रधानमंत्री ने भारत के वैश्विक दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत कभी अकेले आगे बढ़ने में विश्वास नहीं रखता।
“जब भारत आगे बढ़ता है, तो वह अपने मित्र देशों की प्रगति में भी योगदान देता है। हमारा स्वभाव हमेशा से समावेशी और आत्मनिर्भर रहा है। ओमान जैसा करीबी समुद्री पड़ोसी और मित्र हमारे लिए प्राथमिकता है।”
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में जिस गति से दौड़ रहा है, उसका सबसे ज्यादा फायदा ओमान जैसे पड़ोसी देशों को होगा। दोनों देशों के पास एक-दूसरे के बाजारों की गहरी समझ है और पीढ़ियों पुराना विश्वास है, जो किसी भी व्यापार की सबसे बड़ी पूंजी होती है।
आर्थिक डीएनए (DNA) का बदलाव: सुधारों का नया भारत
प्रधानमंत्री ने ओमान के व्यापारिक दिग्गजों को संबोधित करते हुए पिछले 11 वर्षों में हुए भारत के बुनियादी आर्थिक बदलावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल पुराने नियमों पर चलने वाला देश नहीं रहा।
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नीतिगत क्रांति: “हमने केवल नीतियां ही नहीं बदलीं, बल्कि भारत के आर्थिक डीएनए को बदल दिया है।”
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पारदर्शिता और भरोसा: पीएम ने जीएसटी (GST) के जरिए ‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ की अवधारणा और दिवाला व शोधन अक्षमता संहिता (IBC) जैसे कड़े सुधारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने विदेशी निवेशकों को एक सुरक्षित और पारदर्शी वातावरण प्रदान किया है।
भारत-ओमान व्यापार के आंकड़े और भविष्य की संभावना
भारत और ओमान के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत धरातल पर हैं, लेकिन अब इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी है।
वर्तमान व्यापारिक स्थिति (वित्त वर्ष 2024-25): | विवरण | आंकड़े | | :— | :— | | कुल द्विपक्षीय व्यापार | लगभग 10.5 अरब डॉलर | | भारत का निर्यात | लगभग 4 अरब डॉलर | | भारत का आयात | लगभग 6.54 अरब डॉलर |
प्रधानमंत्री का मानना है कि CEPA के बाद यह आंकड़ा अगले कुछ वर्षों में दोगुना होने की क्षमता रखता है। विशेषकर ऊर्जा, रसद (Logistics), और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
समुद्री पड़ोसी: सुरक्षा और व्यापार का संगम
मस्कट के साथ भारत के रिश्तों को प्रधानमंत्री ने ‘समुद्र के जरिए जुड़ी साझा विरासत’ बताया। उन्होंने कहा कि अरब सागर हमें अलग नहीं करता, बल्कि जोड़ता है। सामरिक दृष्टि से ओमान की भौगोलिक स्थिति भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और व्यापारिक दृष्टि से ओमान के लिए भारत एक विशाल बाजार है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा और बिजनेस समिट में उनका संबोधन भारत-ओमान संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ से ऊपर उठाकर ‘आर्थिक एकीकरण’ की ओर ले जाने वाला है। ओमान की कंपनियों को भारत में निवेश का निमंत्रण देकर पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि ‘विकसित भारत’ के निर्माण में खाड़ी देशों की भागीदारी एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगी।