आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: 27 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया होने पर लुलु मॉल का बैंक खाता फ्रीज
लखनऊ/नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित शॉपिंग मॉल और रिटेल चेन के क्षेत्र में एक बड़ा नाम रखने वाले लुलु मॉल पर आयकर विभाग (Income Tax Department) ने शिकंजा कस दिया है। कर चोरी और बकाया भुगतान में लापरवाही बरतने के मामले में विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मॉल के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया है। यह कार्रवाई करीब 27 करोड़ रुपये की आयकर राशि का भुगतान न किए जाने के कारण की गई है। विभाग की इस अचानक हुई कार्रवाई से व्यावसायिक गलियारे में हड़कंप मच गया है।
कर चोरी और लेनदेन में अनियमितताओं का आरोप
आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई विभाग द्वारा की गई एक लंबी जांच और वित्तीय दस्तावेजों की समीक्षा के बाद की गई है। जांच के दौरान विभाग को कंपनी की कर देनदारी और विभिन्न वित्तीय लेनदेनों के बीच बड़े अंतर मिले। दस्तावेजों की सूक्ष्म समीक्षा में यह संकेत मिले कि निर्धारित आयकर की तुलना में दिखाया गया मुनाफा और जमा किया गया टैक्स मेल नहीं खा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि विभाग को कर चोरी के पुख्ता सबूत मिले हैं। जांच टीम ने पिछले कुछ वित्तीय वर्षों के बैलेंस शीट और बैंक ट्रांजैक्शन की पड़ताल की, जिसमें पाया गया कि कंपनी पर 27 करोड़ रुपये का बकाया कर (Tax Arrears) है। यह बकाया राशि समय पर जमा न किए जाने के कारण विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और कानूनी प्रावधानों के तहत बैंक खाता फ्रीज करने का आदेश जारी किया।
नोटिस के बावजूद नहीं किया गया भुगतान
आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बैंक खाता फ्रीज करने की कार्रवाई एक अंतिम विकल्प के रूप में की गई है। इससे पहले विभाग ने कंपनी को बकाया कर राशि के भुगतान के लिए कई बार औपचारिक नोटिस जारी किए थे। इन नोटिसों के माध्यम से कंपनी को एक निश्चित समयसीमा के भीतर अपना पक्ष रखने और बकाया राशि जमा करने का अवसर दिया गया था।
हालांकि, कंपनी की ओर से निर्धारित अवधि में न तो संतोषजनक जवाब दिया गया और न ही बकाया राशि का भुगतान किया गया। आयकर विभाग का कहना है कि जब कोई करदाता बार-बार रिमाइंडर और नोटिस के बाद भी अपनी देनदारी पूरी नहीं करता है, तो विभाग के पास आयकर अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत बैंक खातों को अटैच या फ्रीज करने का अधिकार होता है, ताकि सरकारी राजस्व की वसूली सुनिश्चित की जा सके।
व्यावसायिक संचालन पर पड़ सकता है असर
लुलु मॉल जैसे बड़े संस्थान का बैंक खाता फ्रीज होना एक गंभीर वित्तीय संकट का संकेत है। बैंक खाता फ्रीज होने का सीधा मतलब यह है कि अब कंपनी इस खाते से किसी भी तरह का लेनदेन नहीं कर पाएगी। इससे मॉल के दैनिक परिचालन, कर्मचारियों के वेतन, वेंडर्स के भुगतान और अन्य अनिवार्य खर्चों के प्रबंधन में बड़ी बाधा उत्पन्न हो सकती है।
लुलु ग्रुप, जिसका नेतृत्व दिग्गज कारोबारी एम.ए. यूसुफ अली करते हैं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख के लिए जाना जाता है। ऐसे में भारत में उनके एक प्रमुख उपक्रम पर आयकर विभाग की यह कार्रवाई ब्रांड इमेज को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि, अभी तक कंपनी की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि कंपनी जल्द ही इस मामले को सुलझाने के लिए आयकर विभाग के समक्ष अपील कर सकती है या बकाया राशि जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
आयकर विभाग की सख्त निगरानी और आगे की कार्रवाई
हाल के महीनों में आयकर विभाग ने बड़े कॉर्पोरेट घरानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कर अनुपालन (Tax Compliance) स्थिति पर कड़ी निगरानी रखना शुरू कर दिया है। विभाग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बड़ी संस्था अपने मुनाफे को छिपाकर सरकारी खजाने को नुकसान न पहुँचाए।
लुलु मॉल मामले में विभाग की जांच अभी भी जारी है। सूत्रों के अनुसार, विभाग इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या इस कर चोरी के पीछे कोई संगठित प्रयास था या यह केवल गणना की त्रुटि है। आगामी दिनों में मॉल प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। यदि कंपनी जल्द ही 27 करोड़ रुपये की बकाया राशि ब्याज सहित जमा नहीं करती है, तो विभाग संपत्ति की कुर्की या अन्य दंडात्मक कार्रवाइयों की ओर भी बढ़ सकता है।
फिलहाल, इस कार्रवाई ने अन्य बड़े व्यापारिक समूहों को भी सचेत कर दिया है कि कर अदायगी में किसी भी प्रकार की देरी या अनियमितता पर विभाग अब बिना किसी हिचकिचाहट के सख्त कदम उठा रहा है।