• December 27, 2025

यूपी में SIR की डेडलाइन बढ़ने की कगार पर: 80.85% फॉर्म ही लौटे, 2.91 करोड़ वोटरों की जांच अधर में

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिनवा ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य के 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 99.24% फॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं, लेकिन केवल 80.85% (लगभग 12.45 करोड़) गणना प्रपत्र ही लौटे हैं। शेष 19.15% (करीब 2.91 करोड़) फॉर्म अनुपलब्ध हैं, जिससे मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट और अनुपस्थित वोटरों की सत्यापन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

अनुपलब्ध फॉर्मों का बोझ:

1.27 करोड़ स्थानांतरित, 46 लाख मृत, 24 लाख डुप्लीकेटउपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अनुपलब्ध श्रेणी में 1.27 करोड़ मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, जो अपने मूल पते पर नहीं मिले। लगभग 3% (45.95 लाख) मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि 23.69 लाख डुप्लीकेट एंट्री वाले हैं। इसके अलावा, 84.73 लाख मतदाता अनुपस्थित हैं, जिनकी जानकारी जुटाना चुनौतीपूर्ण है। ये आंकड़े राज्य निर्वाचन आयोग के डेटा पर आधारित हैं, जो 10 दिसंबर 2025 तक के हैं।रिनवा ने कहा कि यह विस्तार जिला चुनाव अधिकारियों को मृत, प्रवासी, अनुपस्थित और डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम दोबारा सत्यापित करने में मदद करेगा। 14 जिलों, 132 विधानसभा क्षेत्रों और 1,43,509 मतदान केंद्रों में डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है। यदि अनुरोध स्वीकार हुआ, तो SIR की एन्यूमरेशन पीरियड 11 दिसंबर से बढ़कर 25 दिसंबर 2025 तक हो जाएगी।

बड़े जिलों में लाखों लंबित फॉर्म, सत्यापन में देरीकुछ प्रमुख जिलों में अनुपलब्ध फॉर्मों की संख्या चिंताजनक है:
  • प्रयागराज: लगभग 2.40 लाख
  • लखनऊ: लगभग 2.20 लाख
  • गाजियाबाद: लगभग 1.60 लाख
  • सहारनपुर: लगभग 1.40 लाख
  • अयोध्या: 41,000

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सत्यापन की प्रक्रिया धीमी है। सीईओ ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से सहयोग का आग्रह किया है, ताकि ये प्रविष्टियां साफ-सुथरी हों।

युवाओं और नए मतदाताओं पर फोकस:

फॉर्म-6 भरने की सलाहरिनवा ने निर्देश दिए हैं कि 2025 की मतदाता सूची से नाम गायब मतदाताओं को फॉर्म-6 भरने में सहायता दी जाए। साथ ही, 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) 12 दिसंबर तक सत्यापित मतदाताओं की सूची बूथ एजेंट्स को सौंपेंगे, जो इसे सीईओ और जिला वेबसाइटों पर अपलोड करेंगे।

SIR अभियान की शुरुआत:

4 नवंबर से ‘शुद्ध निर्वाचक नामावली’ पर जोरउत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से चल रही है, जिसका थीम “शुद्ध निर्वाचक नामावली – मजबूत लोकतंत्र” है। यह अभियान 12 राज्यों में चल रहा है, लेकिन यूपी की विशाल मतदाता संख्या (15.44 करोड़) के कारण यहां चुनौतियां अधिक हैं। पहले ही 1 दिसंबर को 7 दिनों का विस्तार दिया गया था, लेकिन अब 14 दिनों का अनुरोध किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका:

3 महीने का विस्तार मांगबीकेयू आजाद ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर SIR को 3 महीने बढ़ाने की मांग की है, ताकि ग्रामीण मतदाताओं का नाम न कटे। याचिका में दावा किया गया है कि प्रक्रिया जल्दबाजी में हो रही है। निर्वाचन आयोग पर विपक्ष का आरोप है कि यह भाजपा के इशारे पर चल रहा है, लेकिन आयोग इसे पारदर्शी बताता है।ड्राफ्ट रोल की तारीख में बदलाव की संभावनामूल रूप से ड्राफ्ट मतदाता सूची 16 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन विस्तार पर सहमति बनी तो यह 31 दिसंबर तक खिसक सकती है। अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी 2026 को निर्धारित है। मतदाता टोल-फ्री नंबर 1950 पर संपर्क कर सहायता ले सकते हैं।यह विस्तार यूपी में 2027 विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। फिलहाल, निर्वाचन आयोग की हाई-लेवल मीटिंग में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।

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