प्रयागराज में UPSC की तैयारी कर रहे इंस्पेक्टर के बेटे की यमुना नदी में डूबने से मौत
लखनऊ / 12 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक दुखद हादसे में एक पुलिस इंस्पेक्टर के बेटे की यमुना नदी में डूबने से मौत हो गई। मृतक युवक, जो UPSC की तैयारी कर रहा था और LLB की प्रैक्टिकल परीक्षा देने प्रयागराज आया था, दोस्तों के साथ पार्टी के बाद नहाने के दौरान नदी में बह गया। इस घटना से परिवार सदमे में है, और स्थानीय लोग शोक में डूबे हैं।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, मृतक युवक, जिसकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में अरैल के डीपीएस स्कूल के सामने यमुना नदी के घाट पर दोस्तों के साथ गया था। वह लखनऊ विश्वविद्यालय से LLB की पढ़ाई कर रहा था और प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए प्रयागराज आया था। रविवार देर रात दोस्तों के साथ पार्टी करने के बाद, वह और उसके दोस्त नहाने के लिए यमुना नदी के घाट पर पहुंचे। नहाने के दौरान वह तेज धारा में बह गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन और पुलिस की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू किया गया, लेकिन गहरे पानी और तेज धारा के कारण शुरुआती प्रयास विफल रहे। कई घंटों की तलाश के बाद सोमवार देर रात युवक का शव बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। नैनी थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह एक दुर्घटना प्रतीत होती है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
परिवार का दुख और स्थानीय प्रतिक्रिया
मृतक के पिता, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं, और पूरा परिवार इस हादसे से गहरे सदमे में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यमुना नदी के इस घाट पर अक्सर ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं, क्योंकि यहां गहराई और तेज धारा के बारे में चेतावनी के कोई संकेत नहीं हैं। लोगों ने प्रशासन से घाटों पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की मांग की हैं।यमुना नदी, जो प्रयागराज में गंगा के साथ संगम बनाती है, अपने तेज बह Aaav और गहराई के लिए जानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे डूबने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। यमुना की धारा और गहराई के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। प्रयागराज पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे यमुना नदी के घाटों पर सावधानी बरतें और बिना सुरक्षा इंतजामों के नहाने से बचें। प्रशासन ने यह भी कहा कि नदी के खतरनाक क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाने और सुरक्षा बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
