यूपी की कुसुम कैसे बनी दिल्ली की ड्रग क्वीन: 8 करोड़ की संपत्ति, खुफिया रास्ता, और 20 CCTV से निगरानी
लखनऊ/ 2 अगस्त: उत्तर प्रदेश की रहने वाली कुसुम, जो कभी एक सामान्य महिला थी, दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में ड्रग तस्करी की कुख्यात “ड्रग क्वीन” बन गई। दिल्ली पुलिस ने उसकी 8 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, जो नशे के धंधे से कमाए गए अवैध धन से खरीदी गई थी। कुसुम वर्तमान में फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
कुसुम का उदय: यूपी से दिल्ली तक
कुसुम, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की रहने वाली, 1990 के दशक में दिल्ली आई थी। शुरुआत में वह छोटे-मोटे काम करती थी, लेकिन 2000 के दशक में उसने ड्रग तस्करी के धंधे में कदम रखा। पुलिस के अनुसार, कुसुम ने पहले स्थानीय स्तर पर ड्रग्स की सप्लाई शुरू की और धीरे-धीरे अपने नेटवर्क को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, और पंजाब तक फैलाया। उसने मादक पदार्थों जैसे हेरोइन, कोकेन, और गांजा की तस्करी में महारत हासिल की। उसका नेटवर्क इतना मजबूत था कि वह दिल्ली के ड्रग माफिया के बड़े चेहरों में से एक बन गई।
8 करोड़ की संपत्ति: अवैध धन का साम्राज्य
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मार्च 2025 में सुल्तानपुरी में कुसुम के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 8 करोड़ रुपये की 8 संपत्तियां जब्त की गईं। इनमें सुल्तानपुरी में 7 और रोहिणी सेक्टर 24 में 1 प्रॉपर्टी शामिल है। पुलिस का दावा है कि ये संपत्तियां ड्रग तस्करी से कमाए गए काले धन से खरीदी गई थीं। इसके अलावा, कुसुम के बैंक खातों में 2 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी फ्रीज की गई है। पुलिस से बचने का खुफिया रास्ता कुसुम ने अपने सुल्तानपुरी स्थित घर को एक किले की तरह बनाया था। पुलिस के अनुसार, उसके घर में एक खुफिया रास्ता था, जिसे उसने छापेमारी से बचने के लिए बनवाया था। यह रास्ता उसके घर से पास की गली तक जाता था, जिससे वह पुलिस की नजरों से बचकर भाग सकती थी। इसके अलावा, उसके घर और आसपास के इलाके में 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिनसे वह अपने नेटवर्क और पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखती थी।
पुलिस की कार्रवाई और कुसुम की फरारी
मार्च 2025 में दिल्ली पुलिस ने कुसुम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी, लेकिन छापेमारी से पहले ही वह फरार हो गई। पुलिस को संदेह है कि वह अपने खुफिया रास्ते का इस्तेमाल कर भागी। तब से वह लापता है, और पुलिस ने उसकी तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। कुसुम के कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ में उसके अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क के बारे में जानकारी मिली है।
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
कुसुम का मामला दिल्ली और उत्तर भारत में ड्रग तस्करी की गंभीर समस्या को उजागर करता है। पुलिस ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के साथ मिलकर कुसुम के नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश तेज कर दी है। ख़बरों के मुताबिक सोशल मीडिया पर लोग इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि एक सामान्य पृष्ठभूमि की महिला कैसे ड्रग तस्करी की दुनिया में इतनी बड़ी साजिश रच सकी। पुलिस अब कुसुम के अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की जांच कर रही है, क्योंकि संदेह है कि वह विदेशी ड्रग कार्टेल्स के साथ मिलकर काम करती थी। उसके खुफिया रास्ते और सीसीटीवी नेटवर्क की तकनीकी जांच भी जारी है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि कुसुम को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
