• October 13, 2025

AI टूल्स जैसे ChatGPT और Gemini के साथ फोटो और पर्सनल डिटेल्स शेयर करना कितना सुरक्षित है?

18 सितम्बर 2025 , लखनऊ: आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स जैसे ChatGPT, Gemini, और अन्य कई प्लेटफॉर्म हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। ये टूल्स हमें कई तरह से मदद करते हैं—चाहे वह होमवर्क पूरा करना हो, बिजनेस आइडिया ढूंढना हो, या फिर रोज़मर्रा के सवालों के जवाब पाना हो। लेकिन इन टूल्स का इस्तेमाल करते समय हम अक्सर अपनी निजी जानकारी, जैसे फोटो, नाम, पता, या अन्य पर्सनल डिटेल्स शेयर करते हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इन AI टूल्स के साथ अपनी पर्सनल जानकारी शेयर करना सुरक्षित है? इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।AI टूल्स कैसे काम करते हैं?AI टूल्स, जैसे ChatGPT और Gemini, मशीन लर्निंग और डेटा प्रोसेसिंग पर आधारित हैं। जब आप इन टूल्स के साथ कोई सवाल पूछते हैं या कोई फोटो अपलोड करते हैं, तो यह डेटा उनके सर्वर पर स्टोर हो सकता है। ये टूल्स आपके डेटा का इस्तेमाल करके बेहतर जवाब देने की कोशिश करते हैं। लेकिन यही डेटा अगर गलत हाथों में पड़ जाए या इसका दुरुपयोग हो, तो यह आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है।क्या हैं जोखिम?

  1. डेटा लीक होने का खतरा:
    जब आप अपनी फोटो या पर्सनल डिटेल्स इन टूल्स के साथ शेयर करते हैं, तो यह डेटा उनके सर्वर पर जाता है। अगर कंपनी की सिक्योरिटी सिस्टम में कोई कमी हो या हैकिंग हो जाए, तो आपका डेटा चोरी हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने अपनी तस्वीर अपलोड की है, तो इसका इस्तेमाल अनचाहे तरीके से, जैसे फर्जी प्रोफाइल बनाने या विज्ञापनों में, हो सकता है।
  2. प्राइवेसी पॉलिसी का पेचीदा मसला:
    ज्यादातर AI टूल्स की प्राइवेसी पॉलिसी में लिखा होता है कि वे आपके डेटा का इस्तेमाल मॉडल को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आपकी दी हुई जानकारी, जैसे फोटो या टेक्स्ट, उनके डेटाबेस में स्टोर हो सकती है। कई बार यूज़र्स को यह पता reglified: false
  3. थर्ड-पार्टी डेटा शेयरिंग:
    कुछ कंपनियां आपके डेटा को थर्ड-पार्टी पार्टनर्स के साथ शेयर कर सकती हैं, जैसे मार्केटिंग कंपनियां। अगर आपने कोई संवेदनशील जानकारी दी है, तो यह गलत जगह पहुंच सकती है।
  4. गलत इस्तेमाल का डर:
    अगर आपने कोई ऐसी फोटो या जानकारी दी है, जिसमें आपकी पहचान उजागर होती हो, तो इसका दुरुपयोग हो सकता है। उदाहरण के लिए, डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आपकी तस्वीरों को गलत तरीके से बदला जा सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों का कहना है कि AI टूल्स का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। दिल्ली के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राकेश शर्मा कहते हैं, “AI टूल्स आपके डेटा को प्रोसेस करने के लिए स्टोर करते हैं, लेकिन यह हमेशा स्पष्ट नहीं होता कि यह डेटा कितने समय तक रखा जाता है या इसका इस्तेमाल कैसे होता है। इसलिए, संवेदनशील जानकारी शेयर करने से पहले कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें।”कैसे रखें अपनी सुरक्षा?अगर आप AI टूल्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो कुछ सावधानियां बरत सकते हैं:

  1. ज़रूरत से ज़्यादा जानकारी न दें:
    केवल वही जानकारी शेयर करें, जो ज़रूरी हो। उदाहरण के लिए, अगर आपको फोटो एडिट करने की ज़रूरत है, तो ऐसी तस्वीर अपलोड करें, जिसमें आपका चेहरा या कोई संवेदनशील जानकारी न हो।
  2. प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ें:
    AI टूल्स की प्राइवेसी पॉलिसी को समझें। यह जानने की कोशिश करें कि आपका डेटा कहां स्टोर होगा और इसका इस्तेमाल कैसे होगा।
  3. सुरक्षित प्लेटफॉर्म चुनें:
    ऐसी कंपनियों के AI टूल्स का इस्तेमाल करें, जिनका सिक्योरिटी रिकॉर्ड अच्छा हो। उदाहरण के लिए, OpenAI (ChatGPT की निर्माता कंपनी) और Google (Gemini की निर्माता कंपनी) जैसी बड़ी कंपनियां आमतौर पर डेटा सिक्योरिटी पर ध्यान देती हैं।
  4. पर्सनल डिटेल्स छिपाएं:
    अगर आप कोई फोटो या डॉक्यूमेंट अपलोड कर रहे हैं, तो उसमें से निजी जानकारी, जैसे नाम, पता, या बैंक डिटेल्स, हटा दें।
  5. VPN का इस्तेमाल करें:
    इंटरनेट पर काम करते समय VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल करने से आपकी ऑनलाइन गतिविधियां सुरक्षित रहती हैं।
  6. रेगुलर अपडेट्स चेक करें:
    AI टूल्स की सिक्योरिटी और प्राइवेसी पॉलिसी में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। इन अपडेट्स पर नज़र रखें।

क्या कहती हैं कंपनियां?OpenAI और Google जैसी कंपनियां दावा करती हैं कि वे यूज़र डेटा की सुरक्षा को गंभीरता से लेती हैं। OpenAI की वेबसाइट के अनुसार, ChatGPT यूज़र डेटा को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के तकनीकी और संगठनात्मक उपाय करता है। वहीं, Google का कहना है कि Gemini के डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम में सख्त सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाता है। लेकिन इसके बावजूद, कोई भी सिस्टम पूरी तरह से हैकिंग से सुरक्षित नहीं होता।वास्तविक घटनाएंपिछले कुछ सालों में कई डेटा ब्रीच की घटनाएं सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में एक बड़ी टेक कंपनी के सर्वर से लाखों यूज़र्स की जानकारी लीक हो गई थी। हालांकि यह AI टूल से जुड़ा मामला नहीं था, लेकिन यह दर्शाता है कि बड़े-बड़े सिस्टम भी हैकिंग का शिकार हो सकते हैं। इसलिए, सावधानी बरतना हमारी ज़िम्मेदारी है।क्या करें अगर डेटा लीक हो जाए?अगर आपको लगता है कि आपका डेटा लीक हो गया है, तो तुरंत कदम उठाएं:

  • संबंधित कंपनी को सूचित करें और डेटा डिलीट करने की मांग करें।
  • अपने पासवर्ड्स और अन्य सुरक्षा जानकारी बदलें।
  • अगर फाइनेंशियल जानकारी लीक हुई है, तो बैंक को सूचित करें।
  • साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें। भारत में साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 है।

निष्कर्षAI टूल्स जैसे ChatGPT और Gemini हमारी ज़िंदगी को आसान बनाते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतना ज़रूरी है। अपनी पर्सनल जानकारी और फोटो शेयर करने से पहले कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें और केवल ज़रूरी डेटा ही अपलोड करें। अगर आप सही सावधानियां बरतते हैं, तो इन टूल्स का इस्तेमाल सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है। डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

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Rama Niwash Pandey

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