• December 30, 2025

उज्जैन में भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी के तट पर मंदिर डूबे, शाजापुर में बाढ़ जैसे हालात

 उज्जैन में भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी के तट पर मंदिर डूबे, शाजापुर में बाढ़ जैसे हालात

भोपाल, 29 जुलाई  राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई हिस्‍सों में बारिश का दौर जारी है। अब तक सामान्य से 7 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। नर्मदा और दूसरी नदियां उफान पर हैं। कोलार, बरगी, सतपुड़ा समेत कई डैम के गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा है। भोपाल में सोमवार सुबह से धुंध के साथ हल्की बारिश हो रही है। उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर मंदिर डूब गए हैं। शाजापुर में बाढ़ आ गई है, जिससे घर और दुकानों में पानी भर गया है। आज सोमवार को जबलपुर समेत 8 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है।

मौसम विभाग ने बताया कि लो प्रेशर सिस्टम की एक्टिविटी और मानसून ट्रफ प्रदेश से गुजरने से तेज बारिश का दौर बना हुआ है। मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से फिर से तेज बारिश शुरू होगी। हालांकि मंगलवार को तेज या भारी बारिश का दौर थमा रहेगा, लेकिन 31 जुलाई से प्रदेश में फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होगा। इससे पूरा प्रदेश तरबतर होगा। मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के पश्चिमी हिस्से- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग में एवरेज से 10 प्रतिशत ज्यादा पानी गिर चुका है, जबकि पूर्वी हिस्से- रीवा, सागर, जबलपुर और शहडोल संभाग में 4 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वी हिस्से के जबलपुर संभाग के जिले- सिवनी, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, मंडला और बालाघाट में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बारिश के मामले में भोपाल संभाग भी आगे है।

इधर, शाजापुर में रविवार रात हुई तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। यहां बारिश का पानी घरों में घुस गया है। लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिला और गंदा पानी घरों में घुसने लगा। काफी सामान खराब हो गया। सड़कों पर 4 फीट तक पानी भर गया। कॉलोनियों में पानी तेज बहाव के साथ बह रहा है। जबकि उज्जैन में शिप्रा नदी का छोटा पुल डूब गया है। नदी का पानी पुल के तीन फीट ऊपर से बह रहा है। मौसम विभाग ने उज्जैन और आसपास के इलाकों में आज बारिश का अलर्ट जारी किया है। उज्जैन के राम घाट पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौजूद है। नदी का जलस्तर बढ़ने को लेकर लगातार श्रद्धालुओं को चेतावनी दी जा रही है। शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी के तट पर बने मंदिरों तक पानी आ गया है। मंदिरों का कुछ हिस्सा पानी में डूब गया है।

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