• October 14, 2025

देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से भारी तबाही: गाड़ियां-दुकानें बह गईं, दो लोग लापता

देहरादून, 16 सितंबर 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार देर रात को सहस्त्रधारा इलाके में बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। भारी बारिश के कारण पहाड़ों से तेज बहाव आया, जिसने मुख्य बाजार को तबाह कर दिया। दुकानें, होटल, गाड़ियां और मकान सब कुछ बह गया। दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। यह घटना पर्यटकों के पसंदीदा स्पॉट सहस्त्रधारा को बुरी तरह प्रभावित कर रही है।सहस्त्रधारा देहरादून का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां हजारों लोग रोज घूमने आते हैं। यहां गर्म पानी के झरने और प्राकृतिक सुंदरता के कारण हमेशा भीड़ रहती है। लेकिन सोमवार रात करीब 11:30 बजे अचानक मौसम ने करवट ली। आसमान से तेज बारिश शुरू हो गई और पहाड़ी क्षेत्र कार्डीगाड़ से भारी मलबा और पानी का सैलाब नीचे उतर आया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बादल फटने जैसी घटना थी। मौसम विभाग के अनुसार, बादल फटना तब होता है जब एक जगह पर एक घंटे में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है।
यहां तो इससे भी ज्यादा पानी गिरा, जिससे नालियां फूट गईं और सड़कें नदियों में बदल गईं।मुख्य बाजार में हालात सबसे खराब थे। दर्जनों दुकानें पूरी तरह बह गईं। कपड़े, किराने का सामान और अन्य चीजें पानी में तैरती नजर आईं। कई होटल क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें दो-तीन बड़े होटल पूरी तरह ढह गए। ग्राम प्रधान राकेश जावड़ी ने बताया, “कार्डीगाड़ से मलबा इतना आया कि बाजार का आधा हिस्सा दब गया। दुकानदारों का सामान सब बह गया। रात होने के कारण लोग घबराहट में इधर-उधर भागे।” एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “मेरी दुकान में रखे लाखों के सामान पानी में बह गए। गाड़ियां भी बहकर दूर चली गईं। सुबह उठे तो सब कुछ तबाह।”गाड़ियों का क्या हाल हुआ, यह देखकर लोग दंग रह गए। बाजार में खड़ी कई कारें और बाइकें तेज बहाव में बह गईं। कुछ गाड़ियां सैकड़ों मीटर दूर जाकर रुक गईं, जबकि कुछ तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “रात को तेज आवाज आई, जैसे कोई नदी आ रही हो। बाहर निकले तो पानी का सैलाब बाजार में घुस आया था। गाड़ियां तैरती हुई चली गईं।” वीडियो और फोटो में साफ दिख रहा है कि सड़क पर भूरा पानी भरा हुआ है और मलबा इकट्ठा हो गया है।
कई जगह सड़कें टूट गईं, जिससे संपर्क मार्ग कट गए।इस हादसे में दो लोग लापता हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अनुसार, ये दोनों बाजार में ही थे जब सैलाब आया। एक व्यक्ति का नाम सुरेश बताया जा रहा है, जो दुकान पर रुका था। दूसरा एक पर्यटक हो सकता है। जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। उन्होंने कई लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। एक घटना में प्रेमनगर के ठाकुरपुर में एक व्यक्ति नदी किनारे शौच करने गया था। अचानक पानी बढ़ गया और वह फंस गया। वह बिजली के खंभे पर चढ़ गया। एनडीआरएफ ने उसका रेस्क्यू किया। जिलाधिकारी ने कहा, “हम पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। लापता लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन और कुत्तों की मदद ली जा रही है।”प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। मंगलवार को कक्षा 1 से 12 तक सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। विकास नगर हाईवे बंद हो गया है। प्रेमनगर के पास एक पुल का हिस्सा बह गया, जिससे यातायात डायवर्ट कर दिया गया। शिमला बायपास से वाहनों को भेजा जा रहा है। पौराणिक टपकेश्वर महादेव मंदिर भी प्रभावित हुआ। मंदिर के बाहर लगी पीतल की शिव मूर्ति बह गई। मंदिर क्षेत्र में पानी भर गया, लेकिन पुजारी सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने स्थिति पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने भी घटना की जानकारी ली और राहत कार्य तेज करने को कहा।यह घटना उत्तराखंड में मॉनसून के खतरे को फिर से उजागर करती है।
इस साल अगस्त में ही कई जगह बादल फटने से भूस्खलन हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। पहाड़ी इलाकों में पुराने लैंडस्लाइड जोन फिर सक्रिय हो गए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में भारी बारिश जारी रह सकती है। लोगों से अपील की गई है कि नदियों-नालियों के पास न जाएं और घरों में रहें।स्थानीय लोग डरे हुए हैं। एक महिला ने कहा, “सहस्त्रधारा हमारा रोजगार का स्रोत है। दुकानें बह गईं तो परिवार कैसे चलेगा? सरकार को जल्द मदद चाहिए।” प्रशासन ने प्रभावितों के लिए राहत शिविर खोले हैं। चावल, दाल और अन्य सामान बांटा जा रहा है। लेकिन तबाही का आलम इतना है कि बहाली में समय लगेगा। वीडियो में मंजर देखकर सिहरन हो जाती है – पानी का तेज बहाव, मलबे का ढेर और बिखरी हुई जिंदगियां।देहरादून जैसे शहर में ऐसी घटना से सबकी चिंता बढ़ गई है। उम्मीद है कि बचाव कार्य सफल होंगे और लापता लोग मिल जाएंगे। सरकार को अब ऐसे इलाकों में बेहतर जल निकासी और चेतावनी प्रणाली मजबूत करने की जरूरत है।
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Rama Niwash Pandey

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