दलाई लामा के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत कार्रवाई की मांग पर हाई कोर्ट का सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली, 9 जुलाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने दलाई लामा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दलाई लामा ने इसके लिए माफी मांगी और कहा था इसे तिब्बती संस्कृति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
हाई कोर्ट ने कहा कि यह घटना डेढ़ साल से अधिक पुरानी है और यह पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से हुई थी। बच्चे ने ही दलाई लामा से मिलने की इच्छा और मंशा व्यक्त की थी। ऐसे में इस मामले पर पॉक्सो के तहत कार्रवाई के मामले पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं बनता। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में वीडियो प्ले कर दिखाया गया। वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि दलाई लामा ने इसके लिए माफी मांगी है और इसे तिब्बती संदर्भ में देखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि दलाई लामा एक धार्मिक समुदाय के मुखिया हैं और कोर्ट की मंशा उन्हें कोर्ट के स्कैनर पर रखने की नहीं है।
दरअसल, फरवरी 2023 में दलाई लामा द्वारा एक बच्चे को होठों पर चूमने को लेकर एनजीओ और बच्चों के कल्याण के लिए गठित संगठनों के कंफेडरेशन ऑफ एनजीओ द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल का दलाई लामा के खिलाफ पॉक्सो के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में बच्चे की पहचान उजागर की गई है जो पॉक्सो कानून का उल्लंघन है। याचिका में दलाई लामा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी।
