विपक्षी गठबंधन के संक्षिप्त नाम ‘आईएनडीआईए’ को लेकर दायर याचिका पर 6 दिसंबर को सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के संक्षिप्त नाम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 6 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
इस मामले पर अभी तक केवल निर्वाचन आयोग ने जवाब दाखिल किया है। आज केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय देने की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। निर्वाचन आयोग ने हलफनामे में कहा है कि वह जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत राजनीतिक गठबंधनों को विनियमित नहीं कर सकता है।
निर्वाचन आयोग ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक गठबंधनों के कामकाज को विनियमित करने के लिए संवैधानिक निकाय को अनिवार्य करने वाला कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि राजनीतिक गठबंधन जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं होते।
इसके पहले कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया था। याचिका बिजनेसमैन गिरीश भारद्वाज ने दायर की है। जिसमें कहा गया है कि इस नाम की वजह से चुनाव में कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। याचिकाकर्ता ने इसके पहले निर्वाचन आयोग को 19 जुलाई को पत्र लिखा था लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया, जिसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि पार्टियों ने अनुचित लाभ उठाने के लिए गठबंधन का नाम इंडिया रखा है। संक्षिप्त फॉर्म आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) केवल सहानुभूति बटोरने और वोट हासिल करने के लिए किया गया है। इस नाम का इस्तेमाल आगे राजनीतिक फायदे के लिए किया जा सकता है और लोगों की भावनाएं भड़काई जा सकती हैं, जो कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा करेगा। याचिका में कहा गया है कि आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं किया जा सकता।
