पोर्टल के बहाने हरियाणा सरकार छीन रही हैं गरीबों के हक: सैलजा
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रदेश के लोगों के साथ पोर्टल का खेल खेल रही है। पोर्टल के बहाने प्रदेश के गरीब परिवारों से उनका हक छीना जा रहा है।
रविवार को एक बयान जारी कर कांग्रेस नेता सैलजा ने कहा कि पोर्टल के नाम पर बहानेबाजी करते हुए बीपीएल सूची में किसी नए गरीब परिवार का नाम दर्ज भी नहीं किया जा रहा है, इसके साथ ही जो नाम पहले से दर्ज हैं, उनको किसी न किसी बहाने से काटा जा रहा है और काटे जाने की साजिश रची जा रही है। सैलजा ने कहा कि गरीब परिवारों को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं खत्म करने के लिए जानबूझकर उसके आदमी को अधिक दिखाया जा रहा है। जिन परिवारों के पास बिजली का एक ही कनेक्शन है, उनके नाम से 5-7 बिजली कनेक्शन दिखाए जा रहे हैं। ऐसा करने के बाद इन्हें कोई नोटिस देने की बजाए सरकार के स्तर पर खुद ही इनके बीपीएल राशन कार्ड व अन्य सुविधाएं बंद कर दी जाती हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महकमों को ऑनलाइन करने की आड़ में भी बड़ा खेल खेला गया है। अगर इनके डिजिटलाइजेशन और पोर्टल बनाने के कार्यों की एवज में हुए भुगतान की जांच कराई जाए तो कमीशनखोरी का बड़ा मामला उजागर हो सकता है। उन्होंंने आरोप लगाया कि बिना जरूरत के भी पोर्टल बनाने व सॉफ्टवेयर बनाने के टेंडर दिए गए, ताकि काम अलॉट करने के बदले कमीशन हासिल किया जा सके।
कुमारी सैलजा ने कहा कि तहसील व दफ्तरों तक सीमित लूट के अड्डे अब पोर्टल के बहाने सीएससी के नाम पर हर सडक़ पर नजर आते हैं। परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन से लेकर फसल का ब्यौरा और फसल बेचने की अप्वाइंटमेंट तक इन सेंटरों से लोगों को करवानी पड़ रही है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाण पत्र, परिवार पहचान पत्र समेत तमाम कार्यों के लिए लोग इन सेंटरों के भरोसे रहने को मजबूर हैं। यहां आने वाले लोगों से इन सेंटर के संचालक मनमर्जी से राशि वसूल रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के नाम गरीबी रेखा की सूची से काट दिए गए हैं, उन्हें भी पीपीपी को दुरुस्त कराने वालों को भी यहां जेब ढीली करनी पड़ती है।
