जानिए पूजा का क्या है समय और मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण पक्ष में तीन और कार्तिक शुक्ल पक्ष में दो त्योहार को पंच दिवस त्योहार कहा जाता है। इन पंच पर्वों में प्रथम दिन धन तेरस, रूप चौदस, दीवाली, अन्नकूट तथा अंतिम दिन यम द्वितीया या भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।
भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी कनखल के संस्थापक डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार पंच पर्वों की इस श्रृंखला में शुक्रवार 10 नवंबर को धन तेरस का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन चांदी, पीतल के बर्तन खरीदना शुभ होता है। उन्होंने बताया कि धातु खरीदने के दो मुहूर्त हैं। एक 12 से 1.30 बजे तक व सायंकाल 5.30 से 8.10 तक। इसी दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है। धनतेरस के दिन यम के नाम कर दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु नहीं होती।
मिश्रपुरी ने बताया कि 11 नवंबर को रूप चौदस मनायी जाएगी। हनुमान जयंती, धन्वंतरि जयंती भी इसी दिन होगी। इस दिन यदि कोई औषधि प्रारंभ करता है। तो वह रोग समाप्त हो जाता है। इस दिन तेल से स्नान करना अति शुभ कहा जाता है। इसी दिन आरोग्य के देव भगवान धन्वंतरि की जयंती भी मनायी जाती है। भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य समुद्र मंथन के समय हुआ था। इस दिन पूरे घर की सफाई की जाती है। इस दिन भी दीपक जल जाते हैं। इसका मुहूर्त 6 बजे सांयकाल से 8 बजे तक होगा। धन्वंतरि पूजा हनुमान पूजा का मुहूर्त 1.30 से 4 बजे दोपहर तक होगा।
दीवाली का मुहूर्त-
मिश्रपुरी के मुताबिक 12 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन 14.45 के बाद अमावस्या लग जायेगी। इस दिन तीन मुहूर्त महा लक्ष्मी पूजा के होंगे। प्रदोष काल 17.30 से 19.10 तक, इस समय लक्ष्मी पूजा, गणेश पूजन सर्वोत्तम होगा। इसमें अमृत की चौगड़िया होगी, वृष लगन होगा। इस लग्न में की गई पूजा लक्ष्मी प्रदान करती है। दूसरा मुहूर्त निशीथ काल का होगा जो, रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक होगा। इसमें कनक धारा मंत्र का जाप लक्ष्मी की विशेष पूजा, उलूख पूजा होगी। आखिरी मुहूर्त महा निशीथ काल का होगा, जो 11 बजे से मध्य रात्रि 2 बजे तक रहेगा। इसमें तंत्र की साधना विशेष फल दाई होगी।
14 नवम्बर को गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 11 बजे से 13.30 तक होगा। जबकि 15 नवंबर को भाई दूज का मुहूर्त 11 बजे से 12.30 तक इसके बाद 4.30 सायंकाल 5.30 तक का मुहूर्त भी विशेष होगा।
