युवा राष्ट्र की शक्ति एवं अमूल्य धरोहरः डा. चौहान

युवा राष्ट्र की शक्ति एवं अमूल्य धरोहर है। देश के युवा ऊर्जावान वर्ग का प्रतिनिधित्व करते है। जिसमें प्रचुरता में ऊर्जा, उत्साह एवं उन्नति करने की अपार सामर्थ्य है।
शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में खेलों में प्रशिक्षु शिक्षकों के प्रैक्टिस एवं खेल कुशलता पर आयोजित प्रयोगात्मक सत्र के अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि सही मानसिकता और क्षमता के माध्यम से युवा देश के विकास में अग्रणी योगदान दे सकते हैं। प्रौद्योगिकी, विज्ञान, वास्तुकला, इंजीनियरिंग, खेल से जुडे़ क्षेत्रों में हुए तकनीक विकास के मूल मंे युवाओं का विशेष योगदान है। देश में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम, संस्कृति का संरक्षण एवं उन्नयन, गौरवशाली अतीत से वैभवशाली भविष्य का लक्ष्य, देशभक्ति एवं वसुधैव कुटुम्बकम का भाव, भारतीय ज्ञान परम्परा जैसे युवा सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण आयाम में युवाओं की सहभागिता ही सफलता का आधार है।
डॉ. चौहान ने कहाकि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार मामलों के मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में देश की कुल आबादी में 15.29 वर्ष के युवाओं की हिस्सेदारी 27.2 प्रतिशत है। उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहाकि पिछले कुछ वर्षो में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात जो वर्ष 2011-2012 में 20.08 प्रतिशत से बढकर वर्ष 2019-2020 में 27.1 प्रतिशत हो गई है। युवा सशक्तिकरण के कारण गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन में बढ़ोतरी तथा आपराधिक गतिविधियों के स्तर में गिरावट आई है। जिसका केन्द्र युवा ही है।
शारीरिक शिक्षा के माध्यम से जीवन में करियर की तलाश कर रहे प्रशिक्षु अध्यापकों को अध्यापन, प्रशिक्षक, खेल पत्रकारिता, इवेन्ट आर्गेनाइजर, खेल प्रबंधन, खेल मनोवैज्ञानिक, मोटिवेटर आदि क्षेत्रों में आगे बढने के लिए प्रेरित किया। प्रयोगात्मक सत्र में एमपीएड, बीपीएड तथा बीपीईएस के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।
