बिहार के सीतामढ़ी में जानकी मंदिर का भव्य शिलान्यास: अमित शाह और नीतीश कुमार ने किया भूमि पूजन, मिथिलांचल में उत्साहसी
लखनऊ / 8 अगस्त : बिहार के सीतामढ़ी जिले में पुनौरा धाम में 8 अगस्त 2025 को एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माता जानकी मंदिर के पुनर्विकास के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास किया। यह मंदिर, जो माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है, अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा। 882.87 करोड़ की लागत से 67 एकड़ में बनने वाला यह मंदिर परिसर 11 महीनों में तैयार होने की उम्मीद है। इस समारोह को मिथिलांचल का “अयोध्या” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
शिलान्यास समारोह का विवरण
8 अगस्त 2025 को दोपहर में पुनौरा धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अमित शाह और नीतीश कुमार ने माता जानकी मंदिर के लिए शिलान्यास किया। समारोह में काशी और मिथिला के विद्वानों और पुरोहितों की मौजूदगी रही। विशेष व्यवस्था के तहत जयपुर से लाए गए चांदी के कलश, 21 तीर्थ स्थलों की मिट्टी, और 31 पवित्र नदियों का जल इस्तेमाल किया गया। साथ ही, पटना के महावीर मंदिर में तैयार 50,000 लड्डुओं को 11 पवित्र नदियों के जल से पवित्र कर प्रसाद के रूप में बांटा गया। ख़बरों के अनुसार अमित शाह ने X पर लिखा, “कल का दिन पूरे देश और विशेषकर मिथिलांचल के लिए अत्यंत सौभाग्य और हर्ष का दिन है, जब बिहार के सीतामढ़ी स्थित माता सीता की जन्मभूमि में पवित्र ‘पुनौराधाम मंदिर’ एवं परिसर के समग्र विकास की वृहद योजना का शिलान्यास होगा।” उन्होंने इस मौके पर सीतामढ़ी से नई दिल्ली के लिए अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई।
मंदिर परिसर की विशेषताएं
मंदिर परिसर 67 एकड़ में फैला होगा, जिसमें 17 एकड़ पहले से उपलब्ध है और 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जा रही है। कुल लागत ₹882.87 करोड़ है, जिसमें 137 करोड़ पुराने मंदिर और परिसर के विकास, ₹728 करोड़ पर्यटन संबंधी विकास, और 16.62 करोड़ 10 साल के रखरखाव के लिए हैं। मंदिर की ऊंचाई 151 फीट होगी, और इसे अयोध्या के राम मंदिर के वास्तुकार अशीष सोमपुरा की देखरेख में बनाया जाएगा। राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल होगा। परिसर में परिक्रमा पथ, सीता वाटिका, लव-कुश वाटिका, यज्ञशाला, भोजनालय, ध्यान मंडप, संग्रहालय, स्मृति द्वार, और बच्चों के खेल क्षेत्र जैसी सुविधाएं होंगी। जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। मंदिर को रामायण सर्किट का हिस्सा बनाया जाएगा, जो अयोध्या, सीतामढ़ी, और नेपाल के जनकपुर को जोड़ेगा।
नीतीश कुमार की भूमिका
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना में व्यक्तिगत रुचि दिखाई है। उन्होंने 26 जुलाई 2025 को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ पुनौरा धाम का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। नीतीश ने 22 जून 2025 को मंदिर के अंतिम डिजाइन का अनावरण किया था। बिहार सरकार ने “श्री जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति” का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे।
राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह शिलान्यास NDA के लिए महत्वपूर्ण है। BJP और JDU इसे मिथिलांचल में अपनी स्थिति मजबूत करने और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के तौर पर देख रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे “कांग्रेस पर तमाचा” बताया, जो राम और सीता के अस्तित्व पर सवाल उठाती रही है। कांग्रेस और RJD इस परियोजना को सियासी स्टंट बता रहे हैं। राहुल गांधी ने पहले कहा था कि RSS “जय सिया राम” नहीं कहता, जिसे BJP ने मुद्दा बनाया। मिथिलांचल में उत्साह: बिहार BJP अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “मिथिला के हर घर से लोग इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने आ रहे हैं।”