सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी? केरल में गरमाई सियासत, विपक्षी गठबंधन ने मंत्री से मांगा इस्तीफा
तिरुवनंतपुरम, 7 अक्टूबर 2025: केरल की राजनीति में सबरीमाला मंदिर से जुड़ा सोने की चोरी का विवाद आग की तरह फैल गया है। कांग्रेस-नीत यूडीएफ ने लगातार दूसरे दिन विधानसभा में हंगामा मचा दिया, देवसोम बोर्ड मंत्री वी.एन. वासवान के इस्तीफे की मांग की और सदन की कार्यवाही ठप कर दी। प्रश्नकाल शुरू होते ही नारेबाजियां और तख्तियां लहराने लगीं। विपक्ष का आरोप है कि मंदिर के द्वारपालक मूर्तियों पर चढ़े सोने की प्लेटों में गड़बड़ी हुई, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ। हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन क्या वाकई चोरी हुई या बोर्ड की लापरवाही? स्पॉन्सर की भूमिका और पुरानी मरम्मत का रहस्य क्या है? यह विवाद भक्तों की आस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। पूरी सच्चाई जानने के लिए पढ़ें आगे।
विधानसभा में हंगामा: यूडीएफ की इस्तीफे की मांग
केरल विधानसभा में सोमवार को शुरू हुए सबरीमाला विवाद ने मंगलवार को और तीव्र रूप धारण कर लिया। कांग्रेस-नीत यूडीएफ के विधायकों ने प्रश्नकाल की घंटी बजते ही नारेबाजी शुरू कर दी। तख्तियों पर लिखा था- ‘सोने की चोरी पर मंत्री का इस्तीफा दो!’ विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने स्पीकर के सामने खड़े होकर देवसोम मंत्री वी.एन. वासवान पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ हुआ है और बोर्ड ने चोरी को छिपाया। सदन में विपक्ष के सदस्य वेल में उतर आए, जिससे स्पीकर ए.एन. शमशीर को 20 मिनट बाद सदन स्थगित करना पड़ा। यूडीएफ ने चेतावनी दी कि जब तक मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, हंगामा जारी रहेगा। यह विवाद अब सत्ताधारी एलडीएफ के लिए सिरदर्द बन गया है, क्योंकि सबरीमाला भक्तों की भावनाओं से जुड़ा है। विपक्ष इसे 2018-19 की महिलाओं के प्रवेश विवाद से जोड़कर हमला बोल रहा है।
विवाद की जड़: सोने की प्लेटों में गड़बड़ी का रहस्य
सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह के बाहर द्वारपालक की प्राचीन पत्थर मूर्तियों पर तांबे की शीट्स चढ़ाई गई हैं, जिन पर सोने की पतली परत चढ़ी हुई है। विवाद 2019 की मरम्मत से शुरू हुआ, जब इन 14 पैनलों को हटाकर स्पॉन्सर उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंप दिया गया। महाजर के मुताबिक, कुल वजन 38.258 किलोग्राम था, जिसमें 397 ग्राम सोना था। 39 दिन बाद लौटे पैनलों में 4.541 किलोग्राम की कमी मिली। विपक्ष ने इसे चोरी करार दिया, दावा किया कि बोर्ड ने पैनलों को बिना अनुमति हटाया और स्पॉन्सर को सौंपा। सितंबर 2025 में फिर मरम्मत के नाम पर पैनल हटाए गए। जांच में पोट्टी की बहन के तिरुवनंतपुरम घर से दो पेडस्टल बरामद हुए। बोर्ड ने सफाई दी कि पैनल कभी स्पॉन्सर को नहीं दिए गए; दो पैनल मंदिर में ही थे। मरम्मत में चेन्नई की स्मार्ट क्रिएशन्स ने 10 ग्राम सोना जोड़ा, जिससे कुल सोना 407 ग्राम हो गया। फिर भी, कमी का सवाल बरकरार है।
हाईकोर्ट की जांच और मंदिर का महत्व
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को इस विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया। एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) एच. वेंकटेश की अगुवाई में त्रिशूर के केईपीए के एस. शशिधरन (आईपीएस) जांच करेंगे। कोर्ट ने छह हफ्तों में रिपोर्ट मांगी और रिटायर्ड जस्टिस के.टी. शंकरेन को मंदिर के सभी कीमती सामान का इन्वेंटरी लेने का आदेश दिया। विशेष आयुक्त ने बताया कि 2025 में पैनल बिना अनुमति हटाए गए। बोर्ड ने स्पॉन्सर पर 40 साल की वारंटी का हवाला देकर सफाई दी, लेकिन विपक्ष सीबीआई जांच और बोर्ड अध्यक्ष के इस्तीफे पर अड़ा है। सबरीमाला, पश्चिमी घाट के पेरियार टाइगर रिजर्व में बसा, भगवान अय्यप्पा (हरिहरपुत्र) को समर्पित है। हर साल लाखों भक्त यहां तीर्थयात्रा करते हैं। यह विवाद आस्था पर चोट पहुंचा रहा है, लेकिन जांच से सच्चाई सामने आएगी।