लखनऊ पोस्ट ऑफिस में जीडीएस ने की आत्महत्या: अधिकारी की डांट से परेशान होकर फांसी लगाई
लखनऊ/ 21 अगस्त ,2025 : लखनऊ महानगर पोस्ट ऑफिस में एक ग्रामीण डाक सेवक (GDS) ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह अधिकारी की डांट और मानसिक दबाव से परेशान था। लखनऊ पोस्ट ऑफिस में जीडीएस ने की आत्महत्या: अधिकारी की डांट से परेशान होकर फांसी लगाई. बताया जा रहा है कि हाल ही में हुए निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों की डांट और लगातार मानसिक दबाव से परेशान होकर अंकित ने यह कदम उठाया।
पोस्ट ऑफिस में गहरा सन्नाटा
लखनऊ महानगर पोस्ट ऑफिस से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां कार्यरत एक ग्रामीण डाक सेवक (GDS) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया और कर्मचारियों में शोक का माहौल है।
अधिकारी की डांट से परेशान था
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मृतक अधिकारी की लगातार डांट और दबाव से परेशान था। सहकर्मियों ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में था और खुद को अकेला महसूस कर रहा था। सूत्रों के अनुसार बीते दिनों मुख्य निरीक्षक (सीआई) दिलीप पांडेय और प्रवर अधीक्षक डाकघर लखनऊ सचिन चौबे ने महानगर पोस्ट ऑफिस का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान कार्य में कुछ कमियों को लेकर अंकित को वरिष्ठ अधिकारियों से डांट खानी पड़ी। सहकर्मियों के मुताबिक, डांट पड़ने के बाद अंकित काफी उदास रहने लगा था और उसने कई बार यह बात जताई थी कि वह मानसिक रूप से दबाव में है।
फांसी लगाकर दी जान
गुरुवार सुबह पोस्ट ऑफिस खुलने से पहले ही अंकित ने परिसर के एक हिस्से में रस्सी के सहारे फांसी लगा ली। जब सहकर्मी पहुंचे तो उसे लटका देख अफरा-तफरी मच गई। तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची महानगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अंकित मूल रूप से हरियाणा का निवासी था और कुछ समय पहले ही उसकी नियुक्ति लखनऊ के महानगर पोस्ट ऑफिस में हुई थी। परिजनों का कहना है कि अंकित बेहद मेहनती और संवेदनशील स्वभाव का युवक था। नौकरी में नए होने के कारण वह पहले ही काम के बोझ और अपेक्षाओं को लेकर तनाव में था।
सहकर्मियों और परिवार में मातम
इस घटना के बाद पोस्ट ऑफिस के सहकर्मियों और मृतक के परिवार में शोक की लहर है। परिवार का आरोप है कि अधिकारी की बदसलूकी और दबाव ने ही उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया। अंकित के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने कहा कि उनका बेटा मेहनती था, लेकिन अधिकारियों के व्यवहार ने उसे जीने नहीं दिया। उन्होंने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
जांच के आदेश
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि आत्महत्या की असली वजह का पता लगाने के लिए सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। मृतक के मोबाइल और अन्य दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाएगी कि अंकित पर मानसिक दबाव बनाने में किन लोगों की भूमिका रही। जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों में रोष
घटना के बाद अन्य कर्मचारियों में भी रोष है। उनका कहना है कि उच्च अधिकारियों द्वारा अक्सर निचले स्तर के कर्मचारियों पर बेवजह दबाव बनाया जाता है। वे चाहते हैं कि मृतक को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच हो और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
नौकरी तनाव और आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं
इस घटना ने फिर यह साबित किया है कि नौकरी का अत्यधिक तनाव और वरिष्ठों के अनुचित व्यवहार के कारण युवा कर्मचारी मानसिक दबाव में आ जाते हैं। हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें काम के बोझ और उत्पीड़न से तंग आकर कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली।
 
  
                 
		     
                             
						                    