टोल प्लाजा के झंझट से मिलेगी मुक्ति: 2026 तक पूरे भारत में लागू होगा बैरियर-फ्री ‘मल्टी-लेन फ्री फ्लो’ सिस्टम, नितिन गडकरी का बड़ा एलान
नई दिल्ली: भारत के नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले करोड़ों वाहन चालकों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश की टोल प्रणाली को लेकर एक भविष्यवादी विजन साझा किया है। गडकरी के अनुसार, वर्ष 2026 के अंत तक भारत में मौजूदा टोल नाकों का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा और इसकी जगह ‘मल्टी-लेन फ्री फ्लो’ (MLFF) सिस्टम ले लेगा। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद वाहनों को टोल टैक्स कटवाने के लिए न तो रुकना होगा और न ही अपनी गति धीमी करनी होगी। इसके साथ ही, सरकार की ‘वार्षिक फास्टैग पास’ योजना को मिल रही जबरदस्त सफलता ने यह साफ कर दिया है कि जनता डिजिटल और सुगम यात्रा की ओर तेजी से बढ़ रही है।
2026 तक खत्म हो जाएंगे टोल बैरियर: एआई (AI) संभालेगा कमान
नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण संबोधन में जानकारी दी कि सरकार देश के सभी 1,050 टोल प्लाजा को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने की तैयारी कर रही है। इसमें 350 निजी और 700 सरकारी टोल बूथ शामिल हैं। मौजूदा समय में फास्टैग होने के बावजूद वाहनों को टोल बैरियर के सामने रुकना पड़ता है ताकि सेंसर डेटा रीड कर सके। लेकिन 2026 तक लागू होने वाले एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित सिस्टम में कोई फिजिकल बैरियर नहीं होगा।
इस नई व्यवस्था के तहत हाईवे पर हाई-स्पीड कैमरे और सेंसर्स लगाए जाएंगे। वाहन चालक बिना अपनी रफ्तार कम किए (80 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से) टोल जोन को पार कर सकेंगे। जैसे ही वाहन इन सेंसर्स के नीचे से गुजरेगा, एआई तकनीक उसके नंबर प्लेट और फास्टैग को स्कैन कर सीधे बैंक खाते से राशि काट लेगी। यह पूरी प्रक्रिया ‘बैरियर-फ्री’ होगी, जिससे पीक आवर्स में लगने वाले लंबे ट्रैफिक जाम से स्थायी रूप से निजात मिल जाएगी।
वार्षिक फास्टैग पास: 40 लाख यात्रियों ने चुना ‘वन-टाइम पेमेंट’ का विकल्प
टोल सुधारों की दिशा में सरकार ने इसी साल 15 अगस्त को ‘वार्षिक फास्टैग पास’ योजना की शुरुआत की थी, जिसे उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर प्रतिक्रिया मिली है। नितिन गडकरी ने बताया कि अगस्त से अब तक यानी महज कुछ महीनों के भीतर लगभग 40 लाख वाहन मालिकों ने इस वार्षिक पास को अपनाया है।
यह पास विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो नियमित रूप से हाईवे पर यात्रा करते हैं। केवल 3,000 रुपये के सालाना शुल्क पर निजी कार मालिक देशभर के 200 चयनित टोल प्लाजा से असीमित बार गुजर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए वाहन में एक सक्रिय फास्टैग होना अनिवार्य है। इतनी बड़ी संख्या में पास जारी होना इस बात का प्रमाण है कि यात्री बार-बार के ऑनलाइन भुगतान या वॉलेट रिचार्ज के झंझट से मुक्ति चाहते हैं।
ईंधन की बचत और राजस्व में भारी इजाफा: आर्थिक लाभ का गणित
नई मल्टी-लेन फ्री फ्लो प्रणाली केवल समय की बचत ही नहीं करेगी, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी गेम-चेंजर साबित होगी। सरकारी अनुमानों के मुताबिक, टोल प्लाजा पर वाहनों के रुकने और फिर से स्टार्ट होकर गति पकड़ने की प्रक्रिया में भारी मात्रा में ईंधन बर्बाद होता है। नई व्यवस्था लागू होने से सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी।
सिस्टम के पारदर्शी होने से राजस्व में भी बड़ा उछाल आने की उम्मीद है। गडकरी ने बताया कि एआई आधारित वसूली से लीकेज और भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हो जाएगी, जिससे सरकारी खजाने में टोल राजस्व के रूप में करीब 6,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। यह अतिरिक्त धन भविष्य में नए हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
प्रतिदिन 60 किमी हाईवे निर्माण और ग्लोबल ऑटो हब बनने का लक्ष्य
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर नितिन गडकरी ने सरकार के आक्रामक लक्ष्यों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार का तत्काल लक्ष्य हाईवे निर्माण की गति को बढ़ाकर 60 किलोमीटर प्रतिदिन तक पहुंचाना है। यह रफ्तार भारत को दुनिया के सबसे आधुनिक रोड नेटवर्क वाले देशों की कतार में खड़ा कर देगी।
इसके साथ ही, गडकरी ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बनाने का दीर्घकालिक विजन पेश किया। उन्होंने तुलनात्मक आंकड़े देते हुए बताया कि अमेरिका का ऑटो सेक्टर 78 लाख करोड़ रुपये और चीन का 47 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि भारत अभी 22 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है। उनका मानना है कि अगले 8 से 10 वर्षों में जिस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़कों का जाल बिछ रहा है, भारत वैश्विक ऑटो सेक्टर में शीर्ष स्थान हासिल कर सकता है।
संतुलित विकास: कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर का मेल
अपने संबोधन के अंत में केंद्रीय मंत्री ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात रेखांकित की। उन्होंने कहा कि केवल सड़कों और वाहनों के विकास से देश की जीडीपी (GDP) मजबूत नहीं होगी, बल्कि इसके साथ कृषि क्षेत्र की वृद्धि भी अनिवार्य है। नितिन गडकरी के अनुसार, भारत की असली ताकत उसके गांवों और किसानों में है। जब देश के सुदूर इलाकों तक बेहतरीन सड़कें पहुंचेंगी, तो किसानों की पहुंच बड़े बाजारों तक आसान होगी। जब सड़क, आधुनिक वाहन और समृद्ध कृषि—ये तीनों क्षेत्र एक साथ विकास करेंगे, तभी भारत एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में पूरी मजबूती के साथ उभरेगा।