उत्तर भारत में कोहरे का कोहराम: यातायात व्यवस्था चरमराई, चार दर्जन से अधिक ट्रेनें और दर्जनों उड़ानें प्रभावित
नई दिल्ली: उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड के साथ घने कोहरे ने दस्तक दे दी है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में विजिबिलिटी (दृश्यता) शून्य से 50 मीटर के बीच दर्ज की गई। मौसम की इस मार का सबसे ज्यादा असर यातायात सेवाओं पर पड़ा है। कम दिखाई देने की वजह से भारतीय रेलवे और हवाई सेवाओं का परिचालन बुरी तरह लड़खड़ा गया है। चार दर्जन से अधिक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से चल रही हैं, जबकि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे समेत कई प्रमुख शहरों में उड़ानों के समय में बड़े बदलाव किए गए हैं।
कोहरे की सफेद चादर ने रफ्तार पर ऐसा ब्रेक लगाया है कि दिल्ली आने-जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें अब पटरियों पर रेंगने को मजबूर हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा की दृष्टि से ड्राइवरों को ट्रेनों की गति धीमी रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इससे न केवल ट्रेनों के समय में देरी हो रही है, बल्कि रेलवे के पूरे परिचालन चक्र (रोटेशन) पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। स्टेशनों पर कड़ाके की ठंड में यात्री घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं।
पटरियों पर थमी रफ्तार: प्रमुख ट्रेनों का हाल
रेलवे द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, उत्तर भारत में चलने वाली लगभग सभी महत्वपूर्ण ट्रेनें कोहरे की चपेट में हैं। सबसे बुरा हाल प्रयागराज और आनंद विहार की ओर से आने वाली ट्रेनों का है। प्रमुख ट्रेनों की बात करें तो प्रयागराज एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से करीब 5 घंटे की देरी से चल रही है। वहीं, रीवा–आनंद विहार एक्सप्रेस ने देरी के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए लगभग 9 घंटे पीछे चल रही है। प्रीमियम ट्रेनों में शुमार नई दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस भी करीब 4 घंटे लेट है, जिसने यात्रियों के वीआईपी सफर के अनुभव को परेशानी में बदल दिया है।
अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों में महाबोधि एक्सप्रेस और संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस 4 से 5 घंटे की देरी से संचालित हो रही हैं। पूर्वी भारत से आने वाली ब्रह्मपुत्र मेल भी लगभग 45 मिनट की देरी से चल रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, कोहरा छंटने पर कुछ रफ्तार बढ़ती है, लेकिन शाम होते ही फिर से वही स्थिति बन जाती है। कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में निर्धारित समय से दोगुना वक्त लग रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर पूछताछ काउंटरों की संख्या बढ़ाई गई है, लेकिन ट्रेनों की अनिश्चितता ने प्रशासन की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
हवाई सेवाओं पर संकट: एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी
कोहरे का असर केवल जमीन पर ही नहीं, बल्कि आसमान में भी साफ देखा जा रहा है। दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों के लिए चेतावनी जारी की है कि कम विजिबिलिटी के कारण उड़ानों के संचालन में देरी हो सकती है या उन्हें रद्द भी किया जा सकता है। वर्तमान में दिल्ली एयरपोर्ट पर 10 से ज्यादा फ्लाइट्स देरी से उड़ान भर रही हैं। खराब मौसम और कम दृश्यता के चलते विमानों को लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए अनुमति मिलने में लंबा समय लग रहा है।
स्पाइसजेट, एअर इंडिया और इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइंस ने अपने यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। एयरलाइंस ने स्पष्ट किया है कि कोहरे के कारण न केवल मुख्य उड़ानें बल्कि उनसे जुड़ी कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी प्रभावित हो रही हैं। यात्रियों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे हवाई अड्डे के लिए रवाना होने से पहले अपनी फ्लाइट का स्टेटस एयरलाइन की वेबसाइट या आधिकारिक ऐप पर जरूर चेक कर लें। खराब मौसम के कारण कई बार उड़ानों को पास के अन्य हवाई अड्डों पर डायवर्ट (रास्ता बदलना) करने की नौबत भी आ रही है, जिससे यात्रियों की योजनाएं पूरी तरह बिगड़ गई हैं।
दिल्ली से लेकर गुवाहाटी तक कोहरे का जाल
मौसम विभाग और परिवहन अधिकारियों के अनुसार, कोहरे का यह संकट केवल राजधानी दिल्ली तक सीमित नहीं है। उत्तर और पूर्वी भारत के एक बड़े हिस्से में दृश्यता का संकट बना हुआ है। अमृतसर, जम्मू, चंडीगढ़, और अयोध्या जैसे धार्मिक व पर्यटन केंद्रों में भी उड़ानों और ट्रेनों पर भारी असर देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और वाराणसी जैसे शहरों में घने कोहरे के कारण विमान सेवाओं को रद्द करना पड़ा है या उनके समय में बदलाव किया गया है।
बिहार के पटना और दरभंगा में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहाँ से चलने वाली ट्रेनें प्रारंभिक स्टेशनों से ही घंटों की देरी से रवाना हो रही हैं। इसके अलावा झारखंड के रांची, असम के गुवाहाटी और पश्चिम बंगाल के बागडोगरा जैसे पहाड़ी व मैदानी इलाकों में भी खराब मौसम ने हवाई यातायात की कमर तोड़ दी है। हिंडन एयरपोर्ट से संचालित होने वाली उड़ानें भी दृश्यता के अभाव में प्रभावित हुई हैं। इन सभी शहरों में सड़क यातायात पर भी कोहरे का असर दिख रहा है, जहाँ राजमार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
मौसम विभाग का अनुमान और यात्रियों को सलाह
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि उत्तर भारत में अगले 3 से 4 दिनों तक कोहरे की यह स्थिति बनी रह सकती है। कुछ इलाकों में शीतलहर के साथ घना कोहरा (Dense Fog) छाए रहने का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे तापमान में और गिरावट आ सकती है और कोहरा और अधिक सघन हो सकता है।
ऐसी स्थिति में रेलवे और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों से धैर्य रखने और तकनीक का सहारा लेने की अपील की है। ट्रेन यात्री NTES (National Train Enquiry System) ऐप के जरिए अपनी ट्रेन की लाइव लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं। वहीं, सड़क मार्ग से यात्रा करने वाले लोगों को सलाह दी गई है कि वे वाहनों में फॉग लाइट का उपयोग करें और रात के समय यात्रा करने से बचें। प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता, इसलिए कोहरे के दौरान धीमी गति ही एकमात्र विकल्प है।
सर्दियों के इस मौसम में यात्रा करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। जहाँ एक ओर ठंड ने ठिठुरन बढ़ा दी है, वहीं यातायात के साधनों की अनिश्चितता ने लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। अब सबकी नजरें आसमान पर टिकी हैं कि कब मौसम साफ हो और जीवन की रफ्तार दोबारा सामान्य पटरी पर लौटे।