अवैध जल कनेक्शन काटने में पांच जिले सबसे नीचे तो पांच जिले अवैध बूस्टर्स के खिलाफ नहीं हो पाए सख्त

इस वर्ष अप्रैल से जुलाई तक प्रदेश भर में 11 हजार 997 अवैध जल कनेक्शन चिन्हित किए गए थे जिनमें से 10 हजार 900 जल संबंध हटाए गए जबकि 1080 जल कनेक्शन नियमित किए गए। सिर्फ जुलाई में ही 3251 अवैध जल कनेक्शन हटाए गए हैं। इस वर्ष 1965 अवैध बूस्टर भी जब्त किए गए हैं। इनमें से 626 बूस्टर सिर्फ जुलाई माह में जब्त किए गए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को जल भवन में आयोजित पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि पिछली समीक्षा बैठक में अवैध जल संबंधों एवं बूस्टर्स के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद अभियान में तेजी आई। इस वित्तीय वर्ष में नागौर में 1150, टोंक में 1059, अजमेर में 921 एवं जोधपुर नगर वृत्त में 732 अवैध जल कनेक्शन हटाए गए। इसी प्रकार नगर वृत्त जोधपुर में 353, टोंक में 206, एनसीआर अलवर में 130, नगर वृत्त (दक्षिण) जयपुर में 84 अवैध बूस्टर जब्ती की कार्रवाई की गई।
जिन जिलों में अवैध जल संबंधों एवं बूस्टर्स के खिलाफ कम कार्रवाई हुई है वहां के अधीक्षण अभियंताओं को डॉ. अग्रवाल ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर एवं पाली में सबसे कम अवैध जल संबंधों को हटाने की कार्रवाई हुई है। इसी प्रकार अजमेर, जैसलमेर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ एवं राजसमंद में अवैध बूस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई सबसे कम हुई है। एसीएस ने अभियंताओं को पेयजल आपूर्ति के समय फील्ड में जाने और समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल गुणवत्ता परीक्षणों की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। 37वीं एसएलएसएससी में स्वीकृत विभिन्न ओटीएमपी के कार्यादेश जारी होने में हो रही देरी के लिए भी उन्होंने संबंधित अभियंताओं से कारणों को स्पष्ट करते हुए लिखित जवाब देने के निर्देश दिए।
बैठक में एमडी जल जीवन मिशन अविचल चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव राम प्रकाश, उप सचिव गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) दलीप गौड, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (शहरी) के. डी. गुप्ता, मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशाषी अभियंता शामिल हुए।
