गोरखपुर में समुद्र का अहसास: प्रदेश का सबसे बड़ा मछलीघर बनने को तैयार
3 अक्टूबर 2025, गोरखपुर: पूर्वांचल के दिल गोरखपुर में एक नया आकर्षण जन्म लेने जा रहा—उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ग्रैंड फिश एक्वेरियम। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में यह प्रोजेक्ट समुद्र की गहराइयों का अनुभव देगा। 150 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मेगा एक्वेरियम में 60 मीटर लंबी अंडरवॉटर टनल, 80 प्रजातियों की मछलियां और 2000 से ज्यादा जीव—सब कुछ पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करेगा। सीएम योगी की सोच से साकार यह सपना दो साल में हकीकत बनेगा। आइए, इस समुद्री चमत्कार की परतें खोलें।
चिड़ियाघर में नया अध्याय: लंबे इंतजार के बाद DPR तैयार
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, गोरखपुर-देवरिया बाईपास पर रामगढ़ ताल के किनारे फैला 121 एकड़ का यह चिड़ियाघर पूर्वांचल का पहला और यूपी का तीसरा है। 2008-09 में प्रस्तावित, 2021 में सीएम योगी ने उद्घाटन किया। अब ग्रैंड फिश एक्वेरियम प्रोजेक्ट को गति मिली। चिड़ियाघर सोसाइटी ने DPR तैयार करने के लिए फर्म को निर्देश दिए। डॉ. योगेश प्रताप सिंह, उप निदेशक, ने बताया, “DPR जल्द पूरा, पहला चरण का बजट स्वीकृति बाकी।” 5500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा, मुख्य टैंक 1500 वर्ग मीटर का। 150 करोड़ खर्च से दो-ढाई साल में तैयार। यह पूर्वांचल को पर्यटन हब बनाएगा।
समुद्र जैसा अनुभव: 60 मीटर टनल और 80 प्रजातियों का जलजगत
एक्वेरियम की जान होगी 60 मीटर लंबी अंडरवॉटर टनल—3 मीटर ऊंची-चौड़ी, जहां दर्शक समुद्र तल पर घूमेंगे। हजारों मछलियां चारों ओर तैरती नजर आएंगी। 80 मीठे पानी की प्रजातियां: गूंच कैटफिश, जाइंट फ्रेशवॉटर प्रॉन, रेटटेल कैटफिश, एरोवाना, रेनबो फिश, गौरामी, टाइगर बार्ब। 2000 से ज्यादा मछलियां, कुछ 10 फीट लंबी—दर्शकों को रोमांचित करेंगी। टनल में घूमते हुए मछलियों का नजदीकी दर्शन, जैसे अक्वा वर्ल्ड में। यह यूपी का पहला ऐसा फीचर होगा, जो बच्चों-परिवारों को आकर्षित करेगा।
पर्यटन को नई उड़ान: योगी की सोच से पूर्वांचल का नया गहना
सीएम योगी आदित्यनाथ की विजन से यह प्रोजेक्ट पूर्वांचल को पर्यटन मानचित्र पर चमकाएगा। चिड़ियाघर पहले से लायन, लेपर्ड, टाइगर, चिंकारा जैसे 387 जानवरों का घर है। एक्वेरियम से रामगढ़ ताल के किनारे यह स्पॉट इंटरनेशनल लेवल का बनेगा। विजिटर्स को देश-विदेश की दुर्लभ मछलियां देखने का मौका। एंट्री फीस से टिकाऊ मॉडल, रेवेन्यू जनरेशन। डॉ. सिंह ने कहा, “यह यूनिक सुविधा यूपी में कहीं नहीं।” पर्यटक बढ़ेंगे, लोकल इकोनॉमी को बूस्ट। गोरखपुर अब सिर्फ धार्मिक नहीं, इको-टूरिज्म हब बनेगा।
निर्माण की राह: पहले चरण से मेगा ड्रीम साकार
DPR पूरा होते ही बजट स्वीकृति, पहला चरण जल्द शुरू। 150 करोड़ में आधुनिक तकनीक: वॉटर सर्कुलेशन, फिल्ट्रेशन सिस्टम। चिड़ियाघर में पहले से बटरफ्लाई पार्क, स्नेक हाउस, 7D थिएटर हैं। एक्वेरियम से 58+ प्रजातियों का संरक्षण मजबूत होगा। पर्यावरण संरक्षण पर फोकस—कार्बन सिंक और ग्रीन लंग्स। निर्माण में लोकल जॉब्स, स्किल डेवलपमेंट। दो साल बाद पर्यटक यहां समुद्र की सैर करेंगे। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ मनोरंजन, बल्कि जागरूकता का केंद्र बनेगा।
