• September 8, 2024

फ़र्जी प्रमाण पत्र मामला : आबादी से ज्यादा बन गए जन्म प्रमाण पत्र

 फ़र्जी प्रमाण पत्र मामला : आबादी से ज्यादा बन गए जन्म प्रमाण पत्र

रायबरेली, 26 जुलाई। फ़र्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के खेल की जैसे-जैसे परतें जांच में सामने आ रहीं है वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने बनाये गए 19284 प्रमाणपत्रों के प्रिंट भी निकाल लिए हैं और सभी को प्रमाणित किया जा रहा है। हालांकि यह मामला बेहद ही उलझा हुआ है और इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की का भी सहारा लिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि रायबरेली के सलोन में एक जनसुविधा केंद्र से ग्राम पंचायत अधिकारी की आईडी से हजारों अन्य प्रांतों के लोगों के जन्म प्रमाण पत्र बना दिए गए हैं, जिनमें कई संदिग्ध भी हैं। इस बात की जानकारी केरल और कर्नाटक पुलिस की जांच में सामने आई। जिसके बाद इस बड़े मामला का पता चला।

जांच में जो सबसे महत्वपूर्ण बात निकल कर आ रही है, जिसमें एक गांव की आबादी से ज्यादा जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए हैं। जबकि एक गांव में एक वर्ग के सैकड़ों प्रमाणपत्र बना दिये गए हैं जबकि उस गांव में इस वर्ग का मात्र एक ही परिवार निवास करता गया। सलोन विकास खण्ड के नूरुद्दीन पुर गांव की आबादी करीब आठ हज़ार है लेकिन यहां से 12000 जन्मप्रमाण पत्र जारी कर दिए गए है। हालांकि इनमें से किसी का भी परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज नहीं किया गया है।

प्रधान संजू सिंह के प्रतिनिधि भूपेंद्र सिंह का कहना था कि ग्राम पंचायत की कुल आबादी ही सात से आठ हजार है लेकिन नूरुद्दीनपुर गांव के पते पर ही 12,200 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की उनको अधिकारियों से जानकारी मिली है। इसी तरह पलाही गांव में केवल एक घर ही मुस्लिम का है, लेकिन यहां 819 मुस्लिमों के जन्म प्रमाणपत्र बना दिए गए हैं। ग्राम प्रधान दीपक के मुताबिक, इस गांव की कुल आबादी 4500 है लेकिन इसी गांव के पते पर 819 और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इस गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार ही रहता है, लेकिन जो 819 जन्म प्रमाण पत्र जारी हुए उनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं। यानी गांव में रहता एक मुस्लिम परिवार है लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम परिवारों का जन्म स्थान इस गांव को बताया गया है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव के अधीन जो गांव आते थे। उनमें गोपालअनंतपुर, लहुरेपुर, सिरसरा, नूरुद्दीनपुर, जमालपुर और पलही हैं।

इस पूरे मामले पर भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी का कहना है कि यह बड़े पैमाने पर इलाके के वोट बैंक को प्रभावित करने की साजिश है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटिंग हुई, हो सकता है इस फर्जी वोटिंग का यह जन्म प्रमाण पत्र हिस्सा हो यह एक जिले का मामला नहीं पूरे प्रदेश में इसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।

इस मामले को लेकर लखनऊ के आईजी रेंज प्रशांत कुमार के साथ-साथ एटीएस की टीम भी जांच में जुटी हुई है। जिले में सभी ग्राम पंचायत से जारी हुए ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है। पूरा डाटा मिलाने के बाद एटीएस इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी। आशंका जताई जा रही कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का यह मामला दूसरे राज्यों के रास्ते आए अवैध घुसपैठियों को नागरिकता दिलाने या किसी आतंकी संगठन के लोगों को यूपी में बसाने के नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं है।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *