प्रयागराज में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला: बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने जारी किया आदेश
प्रयागराज, 1 मई 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में बढ़ती गर्मी और तेज धूप के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों के समय में बदलाव का आदेश जारी किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रवीण कुमार तिवारी ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए कक्षा एक से आठ तक के सभी विद्यालयों का संचालन समय सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक निर्धारित किया है। यह आदेश 1 मई 2025 से लागू हो गया है और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। यह निर्णय बच्चों को दोपहर की चिलचिलाती धूप और हीट वेव से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है।
आदेश का विवरण
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रयागराज जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संचालित सभी परिषदीय, सहायता प्राप्त, और मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर यह नया समय लागू होगा। इसमें सीबीएसई, आईसीएसई, और अन्य बोर्डों से संबद्ध सभी हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शामिल हैं। आदेश में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्कूल इस समय-सारिणी का कड़ाई से पालन करें।
इसके अतिरिक्त, स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ अन्य दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं:
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आउटडोर गतिविधियों पर रोक: सुबह 9 बजे के बाद किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधियां, जैसे खेलकूद या प्रार्थना सभा, खुले मैदान में नहीं कराई जाएंगी। प्रार्थना सभाएं अब कक्षाओं के अंदर ही आयोजित होंगी।
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स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था: सभी स्कूलों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बच्चे डिहाइड्रेशन से बचे रहें।
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हल्के कपड़े और जागरूकता: अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को हल्के और सूती कपड़े पहनाएं और उन्हें नियमित रूप से पानी पीने के लिए प्रेरित करें।
गर्मी की स्थिति और जरूरत
उत्तर प्रदेश में अप्रैल और मई 2025 में गर्मी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रयागराज सहित कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, और हीट वेव की चेतावनी भी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में और वृद्धि हो सकती है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहा है।
ऐसी स्थिति में दोपहर के समय स्कूलों का संचालन बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण डिहाइड्रेशन, लू लगने, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा, “बच्चों की सेहत हमारी प्राथमिकता है। नया समय निर्धारित करने का उद्देश्य उन्हें गर्मी के प्रकोप से बचाना है।”

ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि गैर-परिषदीय स्कूलों में 15 मई 2025 से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होगा, जबकि परिषदीय स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 20 मई से लागू होंगी। यह निर्णय भीषण गर्मी को देखते हुए लिया गया है, ताकि बच्चों को लंबे समय तक गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
प्रयागराज में लागू आदेश का व्यापक प्रभाव
प्रयागराज में यह बदलाव सभी प्रकार के स्कूलों पर लागू होने के कारण इसका प्रभाव व्यापक होगा। जिले में हजारों स्कूल हैं, जिनमें लाखों बच्चे पढ़ते हैं। नया समय लागू होने से न केवल बच्चों को राहत मिलेगी, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों को भी दोपहर की गर्मी से बचने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, यह आदेश उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्कूल समय बदलाव की प्रेरणा बन सकता है। गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी, और श्रावस्ती जैसे जिलों में पहले ही समान आदेश जारी। गोंडा में भी जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित किया है। बिहार में भी पटना, भागलपुर, गया, और बांका जैसे जिलों में स्कूलों का समय सुबह 11:30 या 11:45 बजे तक सीमित कर दिया गया है।
प्रशासन की भूमिका और चुनौतियां
जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नए समय के पालन को सुनिश्चित करें। हालांकि, कुछ स्कूलों में सुबह जल्दी शुरू होने वाली कक्षाओं के लिए शिक्षकों और अभिभावकों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करना पड़ सकता है। कुछ अभिभावकों ने इस बदलाव का स्वागत किया है, लेकिन कुछ का कहना है कि सुबह जल्दी स्कूल पहुंचना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों तक पहुंचने के लिए बच्चों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसके लिए प्रशासन ने स्कूल वाहनों और परिवहन व्यवस्था को समय पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
सामाजिक और शैक्षिक प्रभाव
यह बदलाव न केवल बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि शैक्षिक गतिविधियों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। सुबह के समय तापमान अपेक्षाकृत कम होता है, जिससे बच्चे अधिक एकाग्रता के साथ पढ़ाई कर सकेंगे। इसके अलावा, गर्मी की छुट्टियों से पहले शैक्षिक सत्र को पूरा करने में भी यह बदलाव मददगार होगा।
