न्यायालय भवन की जमीन निरीक्षण को रजौली पहुंचे डीएम

नवादा जिले का रजौली अनुमंडलीय न्यायालय निर्माण को भूमि देखने जिला सत्र न्यायाधीश पुरुषोत्तम मिश्रा,जिलाधिकारी आशुतोष कुमार और पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल रविवार को रजौली पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने अनुमंडल कार्यालय के पीछे पुनर्वास की भूमि का निरीक्षण किया।हालांकि इससे पहले भी न्यायालय भवन निर्माण के लिए कई बार भूमि का निरीक्षण किया गया था ।लेकिन किसी कारणवश अंतिम रूप से निर्णय नही हो सका था।लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो इसबार रास्ता साफ दिखाई पड़ रहा है ।क्योंकि अनुमंडल कार्यालय के पीछे पुनर्वास का लगभग 60 एकड़ भूमि परती है।न्यायालय भवन के निर्माण के लिए 6 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।ये भूमि पुनर्वास विभाग भी देने के लिए भी अपनी सहमति दे दी है।जिससे बहुत जल्द ही पुनर्वास की भूमि पर न्यायालय बनने का रास्ता साफ दिखाई देता है।चर्चा यह भी है कि पुनर्वास का जो भूमि परती है उस पर जेल भी बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 1990 में रजौली प्रखंड को अनुमंडल बनने के बाद से ही रजौली एसीजीएम न्यायालय बनाने की चर्चा जोरों से थी।निरीक्षण के मौके पर एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष,एसडीपीओ पंकज कुमार,डीसीएलआर जफर हसन,बीडीओ अनिल मिस्री, सीओ अनिल कुमार और कई ग्रामीण उपस्थित थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि रजौली अनुमंडल बनने 30 वर्षों बाद भी वहां न्यायालय का स्थापना नहीं हो सका है। जिसके लिए जल्द ही भूमि उपलब्ध करा कर अनुमंडलीय न्यायालय का निर्माण कराया जाएगा ।जिसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारी डीएम आशुतोष कुमार वर्मा के नेतृत्व में सहयोग कर रहे हैं।
