धर्मांतरण केस: छांगुर बाबा की ED कस्टडी में, हवाला कनेक्शन का खुलासा, इंस्पेक्टर सस्पेंड
24 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छांगुर और उसके सहयोगी नवीन की 10 दिन की कस्टडी मांगी है, जिस पर लखनऊ कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। ED मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा हुआ है। इस बीच, 2019 के अपहरण मामले में लापरवाही बरतने के लिए इंस्पेक्टर अब्दुल को सस्पेंड कर दिया गया है। छांगुर के नेटवर्क के तार मुंबई, महाराष्ट्र और खाड़ी देशों से जुड़े होने की बात सामने आई है।
ED की जांच और हवाला कनेक्शन
ED ने बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में छांगुर के 14 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 2 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिले। जांच में पता चला कि छांगुर विदेशी फंड को जमीन खरीद और प्रॉपर्टी में निवेश के जरिए सफेद करता था। नवीन के खाते से शहजाद शेख को 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर होने का खुलासा हुआ। यूपी ATS ने छांगुर के 40 से अधिक फर्जी संस्थानों और 100 करोड़ रुपये की फंडिंग का ब्योरा ED को सौंपा। नेपाल और खाड़ी देशों से हवाला के जरिए फंडिंग के तार जुड़े हैं, जिसमें कोडवर्ड्स जैसे ‘मिट्टी पलटना’ (धर्म परिवर्तन) का इस्तेमाल होता था।
इंस्पेक्टर सस्पेंड और अधिकारियों पर शिकंजा
छांगुर केस में चार सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है, जिनमें 2019-24 के बीच बलरामपुर में तैनात एक एडीएम, दो सीओ और इंस्पेक्टर अब्दुल शामिल हैं। इंस्पेक्टर अब्दुल को 2019 के अपहरण मामले में लापरवाही के लिए सस्पेंड किया गया। ATS की जांच में पता चला कि ये अधिकारी छांगुर के इशारे पर काम करते थे। कोर्ट के एक क्लर्क राजेश उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय प्रधानों और 50 से अधिक लोगों पर जांच का शिकंजा कस रहा है।
रैकेट का राष्ट्रविरोधी चेहरा
छांगुर पर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और ISI से कथित तौर पर संपर्क साधने का आरोप है। ATS को ‘शिजर-ए-तैयबा’ नामक किताब मिली, जिसमें धर्मांतरण की पूरी थ्योरी लिखी है। छांगुर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक और बंगाल तक फैला था। उसने 1000 से अधिक मुस्लिम युवकों को लव जिहाद और धर्मांतरण के लिए कमीशन दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राष्ट्रविरोधी साजिश करार देते हुए सख्त कार्रवाई और संपत्ति जब्ती का आदेश दिया है।
