सीएम योगी का बड़ा ऐलान, जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाएँ बनेंगी स्मार्ट और विकसित
लखनऊ, 22 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित बनाने की महत्वाकांक्षी योजना को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य नगर पालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केंद्रित बनाना है, ताकि नागरिकों को बेहतर और पारदर्शी सेवाएँ मिल सकें।
नगर पालिकाओं में होंगी विश्वस्तरीय सुविधाएँ
बैठक में बताया गया कि स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना के तहत गौरव पथ, पिंक टॉयलेट, शहरी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरूम, आंगनबाड़ी, थीम आधारित पार्क, ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, जलाशयों का पुनर्जनन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाएँ जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। साथ ही, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उत्सव भवन, सामुदायिक केंद्र और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ आधारित ढाँचे स्थापित होंगे।
बैठक में बताया गया कि स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना के तहत गौरव पथ, पिंक टॉयलेट, शहरी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरूम, आंगनबाड़ी, थीम आधारित पार्क, ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, जलाशयों का पुनर्जनन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाएँ जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। साथ ही, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उत्सव भवन, सामुदायिक केंद्र और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ आधारित ढाँचे स्थापित होंगे।
हब-एंड-स्पोक मॉडल पर होगा विकास
सीएम ने सुझाव दिया कि योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू किया जाए। उदाहरण के तौर पर, लखनऊ और गोरखपुर के एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से आसपास की नगर पालिकाओं को जोड़ा जाए, जिससे सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण में आधुनिकता आएगी। उन्होंने परियोजनाओं का चयन स्थानीय जरूरतों के आधार पर करने और 4 से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान जनसंख्या व कार्यदक्षता के आधार पर देने का निर्देश दिया।
सीएम ने सुझाव दिया कि योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू किया जाए। उदाहरण के तौर पर, लखनऊ और गोरखपुर के एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से आसपास की नगर पालिकाओं को जोड़ा जाए, जिससे सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण में आधुनिकता आएगी। उन्होंने परियोजनाओं का चयन स्थानीय जरूरतों के आधार पर करने और 4 से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान जनसंख्या व कार्यदक्षता के आधार पर देने का निर्देश दिया।
इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा
बैठक में लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर और अन्य शहरों में 650 बसों की प्रत्यक्ष खरीद का प्रस्ताव रखा गया। सीएम ने इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहन देने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को शीघ्र तैयार करने पर जोर दिया।
बैठक में लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर और अन्य शहरों में 650 बसों की प्रत्यक्ष खरीद का प्रस्ताव रखा गया। सीएम ने इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहन देने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को शीघ्र तैयार करने पर जोर दिया।
नगर निकायों में कर बकाये का समाधान और वित्तीय अधिकारों में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने नगर निगमों में कर बकाये की विसंगतियों को दूर करने के लिए अभियान चलाने और समाधान शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी नगर निकायों के लिए स्वयं का भवन सुनिश्चित करने की बात भी कही। साथ ही, 74वें संविधान संशोधन के अनुरूप नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति और नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं को बढ़ाने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने नगर निगमों में कर बकाये की विसंगतियों को दूर करने के लिए अभियान चलाने और समाधान शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी नगर निकायों के लिए स्वयं का भवन सुनिश्चित करने की बात भी कही। साथ ही, 74वें संविधान संशोधन के अनुरूप नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति और नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं को बढ़ाने का आदेश दिया।
खेल और रोजगार को बढ़ावा
सीएम ने लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज और बहुउद्देश्यीय खेल परिसर की स्थापना के लिए पीपीपी मॉडल पर काम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।यह योजना न केवल उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों को आधुनिक स्वरूप देगी, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को भी उन्नत करेगी।
सीएम ने लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज और बहुउद्देश्यीय खेल परिसर की स्थापना के लिए पीपीपी मॉडल पर काम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।यह योजना न केवल उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों को आधुनिक स्वरूप देगी, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को भी उन्नत करेगी।
