• December 25, 2025

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला से की मुलाकात

 मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला से मुलाकात कर उत्तराखंड में पशुपालन और डेयरी से संबंधित विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन सहित अन्य योजनाओं के लिए स्वीकृत बजट की शेष धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा की अवशेष धनराशि अवमुक्त करने और राज्य में संचालित सचल पशुचिकित्सा वाहन की सेवाएं शेष 35 विकास खण्डों में भी उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य में संचालित विभिन्न रोजगार योजनाओं में पशुपालन से संबंधित योजनाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। केन्द्र सरकार की ओर से राज्य के सीमान्त पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों के पशुपालकों के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा का संचालन किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत स्वीकृत 40 करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ 26 लाख 25 हजार की धनराशि प्राप्त हुई थी। जिसमें केन्द्रांश 8 करोड़ 67 लाख 66 हजार रुपये और राज्यांश 5 करोड़ 58 लाख 59 हजार रुपये था। योजना के अन्तर्गत राज्य में पशुधन बीमा के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 1,45,451 पशुओं में बीमा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से स्वीकृत योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्वीकृत बजट की शेष धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तराखंड में पशुपालक के द्वार पर आधुनिक तकनीकी की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 सचल पशुचिकित्सा वाहन संचालित किये जा रहे हैं। इनके माध्यम से 58392 पशुओं की चिकित्सा पशुपालकों के द्वार पर की गई है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के शेष 35 विकास खण्डों में भी इसी प्रकार की सेवाओं के लिए 786.94 लाख रुपये उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें 764.246 लाख का केन्द्रांश और 22.694 लाख रुपये का राज्यांश रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के भेड़-बकरियों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से पीपीआर उन्मुलन योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2030 तक पीपीआर मुक्त करने के महत्वाकांक्षी टीकाकरण योजना के लिए उत्तराखंड में 14 लाख डोज टीकों की आवश्यकता है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रूपाला ने मुख्यमंत्री को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया।

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