डीयू छात्र संघ चुनाव प्रचार में हुई झड़प, एबीवीपी और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच अजय राय के कार्यक्रम पर टकराव
नई दिल्ली, 16 सितंबर 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में छात्र संघ चुनाव का माहौल गरम हो गया है। प्रचार के दौरान दो प्रमुख छात्र संगठनों – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) – के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। यह टकराव केंद्रीय मंत्री अजय राय के एक कार्यक्रम को लेकर हुआ। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हिंसा और गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात संभाले, लेकिन चुनावी माहौल में तनाव बढ़ गया है।डीयू कैंपस में हर साल होने वाले छात्र संघ चुनाव छात्रों के बीच जोश भर देते हैं। इस बार भी चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही प्रचार जोरों पर है। एबीवीपी, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी है, और एनएसयूआई, जो कांग्रेस से संबद्ध है, दोनों ही संगठन मजबूती से अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन सोमवार शाम को नॉर्थ कैंपस के एक हिस्से में अचानक झड़प भड़क उठी।सूत्रों के अनुसार, अजय राय, जो केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री हैं, डीयू में एक विशेष कार्यक्रम के लिए आने वाले थे। यह कार्यक्रम छात्रों को प्रेरित करने और चुनावी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था। एबीवीपी ने इसे अपना समर्थन कार्यक्रम बताया और अपने कार्यकर्ताओं को जुटाया। वहीं, एनएसयूआई ने इसे राजनीतिक हस्तक्षेप करार देते हुए विरोध जताया। एनएसयूआई कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने बैनर और पोस्टर फाड़ने की कोशिश की, जिससे एबीवीपी के सदस्य भड़क गए।झड़प की शुरुआत तब हुई जब दोनों पक्षों के बीच धक्कमुक्की हुई। एबीवीपी के एक कार्यकर्ता ने बताया, “हमारा कार्यक्रम शांतिपूर्ण था। एनएसयूआई वाले बिना कारण आकर बवाल मचाने लगे। उन्होंने हमारे नेताओं पर हमला करने की कोशिश की।” दूसरी ओर, एनएसयूआई के एक नेता ने कहा, “अजय राय का आना चुनाव में दखल है। हम छात्रों के हितों की रक्षा कर रहे थे। एबीवीपी ने हमें पीटा।” इस दौरान कुछ छात्रों ने पानी की बोतलें फेंकीं और नारे लगाए। एक-दूसरे पर कुर्सियां और किताबें भी उछाली गईं।मौके पर मौजूद छात्रों ने बताया कि झड़प करीब 20 मिनट चली। कई कार्यकर्ता घायल हो गए, जिनमें मामूली चोटें आईं। पुलिस को सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची और दोनों पक्षों को अलग किया।
चार-पांच लोगों को हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी जांच के आदेश दिए हैं। डीयू के प्रॉक्टर ने कहा, “हम चुनाव को निष्पक्ष रखने के लिए सतर्क हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।”यह घटना डीयू के छात्र संघ चुनाव के इतिहास में नई नहीं है। पिछले साल भी प्रचार के दौरान कई बार झड़पें हुई थीं। छात्र संगठन अक्सर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। इस बार चुनावी मुद्दे जैसे फीस वृद्धि, हॉस्टल सुविधाएं और कैंपस में सुरक्षा प्रमुख हैं। एबीवीपी का दावा है कि वे छात्रों के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं, जबकि एनएसयूआई सामाजिक न्याय और आरक्षण जैसे विषयों को उठा रही है। अजय राय का कार्यक्रम रद्द न होने से दोनों पक्षों में और आक्रोश फैला।राजनीतिक हलकों में भी इसकी चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने एबीवीपी पर सत्ताधारी पार्टी का समर्थन करने का आरोप लगाया, तो बीजेपी ने एनएसयूआई को विपक्षी साजिश बताया। छात्र नेता कहते हैं कि ऐसी घटनाएं चुनाव को प्रभावित करती हैं। एक छात्र ने कहा, “हम पढ़ाई के लिए आते हैं, लेकिन चुनावी ड्रामा हमें परेशान करता है।” विश्वविद्यालय ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है।डीयू छात्र संघ चुनाव 25 सितंबर को होने हैं। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुल 10 पदों के लिए 50 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रचार के आखिरी दिनों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
पुलिस ने कैंपस में गश्त बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्र संगठनों को संयम बरतना चाहिए ताकि चुनाव शांतिपूर्ण रहे।इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई। कई छात्रों ने वीडियो शेयर किए, जिसमें झड़प के दृश्य दिख रहे हैं। एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों ने अपने आधिकारिक अकाउंट्स से बयान जारी किए। एबीवीपी ने एनएसयूआई पर हिंसा का आरोप लगाया, जबकि एनएसयूआई ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया। कुल मिलाकर, डीयू का कैंपस अभी भी तनावग्रस्त है।विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होगा। छात्रों से अपील की गई है कि वे प्रचार को शांतिपूर्ण रखें। इस झड़प से चुनावी माहौल और गर्म हो गया है, लेकिन उम्मीद है कि आगे कोई बड़ी घटना न हो। डीयू के छात्र हमेशा से ही सक्रिय रहे हैं, और यह चुनाव भी उनके भविष्य को आकार देगा।
