नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत: लौकी-भात की सात्विक रेसिपी
पटना, 26 अक्टूबर 2025: छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो चुकी है, जो भक्ति और सात्विकता का प्रतीक है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला यह दिन व्रतियों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन लौकी की सब्जी और भात का सात्विक भोजन तैयार किया जाता है, जो छठी मां को अर्पित किया जाता है। यह प्रसाद न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि व्रत की पवित्रता को भी बनाए रखता है। आइए, तीन हिस्सों में जानते हैं कि नहाय-खाय के लिए लौकी की सब्जी कैसे बनाएं और इसकी खासियत क्या है।
नहाय-खाय का महत्व और सामग्री
नहाय-खाय छठ पूजा का पहला दिन है, जब व्रती स्नान और पूजा के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन प्याज-लहसुन से परहेज किया जाता है, और लौकी की सब्जी या कद्दू की सब्जी के साथ भात मुख्य प्रसाद होता है। लौकी की सब्जी बनाने के लिए जरूरी सामग्री में 1 लौकी, 1 चम्मच घी, चुटकी भर जीरा, आधा कप भीगी हुई चने की दाल, 1 चम्मच गर्म मसाला और हरी धनिया शामिल हैं। यह सात्विक भोजन पचाने में आसान और पौष्टिक होता है। लौकी की सब्जी को छठी मां को अर्पित करने के बाद व्रती और परिवार वाले इसे ग्रहण करते हैं। इस प्रसाद के बिना छठ का व्रत अधूरा माना जाता है, जो भक्ति और परंपरा का प्रतीक है।
लौकी की सब्जी बनाने की शुरुआत
लौकी की सब्जी बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल और पवित्र है। सबसे पहले, लौकी को अच्छे से धोकर छील लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। एक कड़ाही में 1 चम्मच घी गर्म करें और उसमें चुटकी भर जीरा और हरी मिर्च डालकर तड़का तैयार करें। अब कटे हुए लौकी के टुकड़े इसमें डालें और मध्यम आंच पर पकने दें। जब लौकी थोड़ी नरम हो जाए, तो भीगी हुई चने की दाल और 1 चम्मच गर्म मसाला डालकर अच्छे से मिलाएं। इस मिश्रण को ढककर मध्यम आंच पर पकाएं, ताकि लौकी और दाल अच्छी तरह गल जाएं। इस प्रक्रिया में सात्विकता का ध्यान रखें और स्वच्छता बनाए रखें, क्योंकि यह प्रसाद छठी मां को अर्पित किया जाएगा।
प्रसाद की पूजा और परोसना
जब लौकी पूरी तरह गल जाए और सब्जी तैयार हो, तो इसे हरी धनिया से सजाएं। अब छठी मां की तस्वीर के सामने दो दीये जलाएं। लौकी की सब्जी, भात (चावल) और केला प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। विधिवत पूजा करें, जिसमें छठी मां और भगवान सूर्य की आराधना शामिल हो। पूजा के बाद इस सात्विक प्रसाद को व्रती और परिवार वाले ग्रहण करें। यह भोजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि पाचन के लिए हल्का और स्वास्थ्यवर्धक भी है। लौकी की सब्जी की खासियत इसकी सादगी और पवित्रता में है, जो छठ के व्रत को और भी खास बनाती है। इस प्रसाद को बनाते समय मन में भक्ति और श्रद्धा का भाव रखें, ताकि छठी मां की कृपा बनी रहे।