सीजीएसटी लखनऊ ने 1355 करोड़ रुपये की फर्जी आपूर्ति में शामिल 131 फर्जी फर्मों का किया भंडाफोड़

सीजीएसटी लखनऊ ने एक बड़े ऑपरेशन में 1355 करोड़ रुपये की फर्जी आपूर्ति में शामिल 131 फर्जी फर्मों का भंडाफोड़ किया है। इसमें 197 करोड़ रुपये की फर्जी जीएसटी शामिल थी।

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, लखनऊ के अधिकारियों ने जीएमटी के तहत पंजीकृत फर्जी फर्मों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। वे पूरे देश में प्राप्तकर्ता फर्मों को अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट दे रहे थे। धोखाधड़ी से जीएसटी लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी फर्मों के निर्माण में लगे देश भर में सक्रिय सिंडिकेट को खत्म करने के लिए विशेष अखिल भारतीय अभियान के एक हिस्से के रूप में, सीजीएसटी लखनऊ ने मई, जून और जुलाई के महीनों के दौरान एक व्यापक अभियान चलाया है।

लखनऊ कार्यालय की ओर से गुरुवार को दी गयी जानकारी में बताया गया है कि सीजीएसटी, लखनऊ के अधिकार क्षेत्र के तहत लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, शाहजहाँपुर, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, गोंडा, बलरामपुर, बहराईच और श्रावस्ती जिलों में पंजीकृत 647 फर्मों के पते पर भौतिक सत्यापन किया गया।

उक्त अभियान के दौरान, 131 फर्में अस्तित्वहीन पाई गईं, जिन्होंने फर्जी नामों पर और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके जीएसटी पंजीकरण लिया था। जबकि कुछ फर्मों ने कुछ अन्य व्यक्तियों के पैन का उपयोग करके धोखाधड़ी से जीएसटी पंजीकरण लिया था। कुछ ने जाली किराया समझौते या बिजली बिल और ऐसे पते का उल्लेख किया था जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थे। इन 131 फर्जी, अस्तित्वहीन फर्मों ने पूरे देश में फैली लगभग 1100 प्राप्तकर्ता फर्मों से 1355.74 करोड़ रुपये की वस्तुओं, सेवाओं की आपूर्ति दिखाई लेकिन ये आपूर्ति वास्तव में नहीं हुई थी। अधिकांश प्राप्तकर्ता कंपनियां उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में स्थित हैं। इन नकली आपूर्तियों में दिखाई गई प्रमुख वस्तुएँ वेस्ट एवं स्क्रैप, प्लाईवुड और विनियर हैं। जीएसटी अपवंचन के इरादे से प्राप्तकर्ता फर्मों को 197.20 करोड़ रुपये के अयोग्य इनपुट टैक्स का लाभ देने के लिए वस्तुओं, सेवाओं की इन फर्जी आपूर्ति को रिकॉर्ड में दिखाया गया था।

ऐसी सभी प्राप्तकर्ता फर्मों के संबंधित पर अधिकारियों को, जिन्होंने इन अस्तित्वहीन फर्जी फर्मों से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया था, ऐसे इनपुट टैक्स क्रेडिट की वसूली के लिए सतर्क कर दिया गया है। इन फर्जी, अस्तित्वहीन फर्मों के जीएसटी पंजीकरण को निलंबित रद्द कर दिया गया है और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके क्रेडिट लेजर में उपलब्ध 21. करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को अवरुद्ध कर दिया गया है।

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