गोरखपुर में NEET छात्र की क्रूर हत्या: पशु तस्करों ने मुंह में मारी गोली, परिजन धरने पर
गोरखपुर, 16 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। नीट की तैयारी कर रहे 19 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता की पशु तस्करों ने बेरहमी से हत्या कर दी। अपराधियों ने छात्र को गाड़ी में बंद करके घुमाया और फिर उसके मुंह में गोली मार दी। शव को घर से करीब चार किलोमीटर दूर सरैया गांव में फेंक दिया गया। इस घटना के बाद छात्र के परिजन गुस्से में सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं। वे न्याय की मांग कर रहे हैं और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।घटना सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे पिपराइच थाना क्षेत्र के भट्ठा चौराहे पर हुई। दीपक गुप्ता गोरखपुर के एक छोटे से गांव में रहते थे। वे नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और डॉक्टर बनने का सपना देख रहे थे। परिवार के अनुसार, दीपक एक मेहनती और शांत स्वभाव का लड़का था। वह रोजाना पढ़ाई के लिए घर से निकलता था। सोमवार की रात को भी वह अपनी स्कूटी पर सवार होकर घर लौट रहा था। तभी भट्ठा चौराहे के पास तीन गाड़ियों में सवार 10 से 15 पशु तस्करों ने उसे रोक लिया।परिजनों ने बताया कि तस्कर पशुओं को चुराने की योजना बना रहे थे।
दीपक की बुआ का लड़का वहां से गुजर रहा था। उसने तस्करों को देखा और दीपक को फोन करके बताया। दीपक ने सोचा कि शायद मदद कर देगा। वह स्कूटी पर पहुंचा और साथ में 10-15 ग्रामीण भी उसके साथ थे। लेकिन तस्करों ने ग्रामीणों को भगा दिया। दीपक को पकड़ लिया और जबरदस्ती एक डीसीएम गाड़ी में बिठा लिया। इसके बाद तस्कर उसे लेकर करीब एक घंटे तक इलाके में घुमाते रहे। गुस्से में आकर उन्होंने दीपक के मुंह में गोली मार दी। गोली लगते ही दीपक की मौके पर ही मौत हो गई। हत्यारों ने शव को सरैया गांव के पास फेंक दिया और खुद फरार हो गए।मंगलवार सुबह करीब तीन बजे दीपक के परिवार को एक फोन आया। किसी ने बताया कि उनका बेटा सरैया में पड़ा है। परिवार वाले दौड़े-दौड़े पहुंचे तो दीपक का शव खून से लथपथ पड़ा था। सिर कुचला हुआ था और मुंह से खून बह रहा था। देखते ही परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा।
मां रोते-रोते बेहोश हो गईं। पिता और भाई चीखने लगे। पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। दीपक का छोटा भाई स्कूल जाता है, लेकिन आज वह भी रोते हुए घर पर ही बैठा रहा। परिवार का कहना है कि दीपक परिवार का इकलौता कमाने वाला था। वह नीट क्रैक करके सबका जीवन बदलना चाहता था।शव मिलने की खबर फैलते ही इलाके में गुस्सा भड़क गया। ग्रामीणों ने तुरंत भट्ठा चौराहे पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने तस्करों की एक गाड़ी को आग लगा दी। एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। वह अधमरा हो गया। पुलिस पहुंची तो ग्रामीणों ने उन पर पथराव कर दिया। इस दौरान एसपी और थानेदार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। एसपी को सिर पर चोट लगी और थानेदार को पैर में। स्थिति को काबू करने के लिए भारी फोर्स तैनात करनी पड़ी। ग्रामीण सड़क जाम कर बैठे। वे चिल्ला रहे थे, “पुलिस ने तस्करों को बचाया। न्याय दो वरना हल्ला बोलेंगे।”परिजनों ने धरना शुरू कर दिया। दीपक की मां ने कहा, “मेरा बेटा निर्दोष था। वह सिर्फ मदद करना चाहता था। तस्करों ने उसे मार डाला। पुलिस ने पहले ही तस्करों को चेतावनी दी थी, लेकिन कुछ नहीं किया।” पिता ने बताया, “हम गरीब परिवार हैं। दीपक पढ़-लिखकर डॉक्टर बनता, तो सबका भला होता। अब कौन देखेगा हमें?” धरने पर सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए। वे बैनर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था- “नीट छात्र की हत्या का बदला लो। तस्करों को फांसी दो।” धरना दोपहर तक चलता रहा। फिर प्रशासन ने आश्वासन दिया कि अपराधियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसएसपी डॉ. विनीत जायसवाल ने कहा, “हमने तीन थानों की फोर्स लगाई है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।” प्रारंभिक जांच में पता चला कि तस्कर बिहार से आते थे। वे गोरखपुर के जंगलों में पशु चुराते थे। इलाके में पशु तस्करी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की निगरानी कमजोर है। तस्कर रात में खुलेआम घूमते हैं। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है।यह घटना पशु तस्करी के खिलाफ चल रही मुहिम पर सवाल उठा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पशु तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। पिछले साल गोरखपुर में कई एनकाउंटर हो चुके हैं, जिनमें तस्कर घायल हुए। लेकिन ऐसी क्रूर हत्याएं रुक नहीं रही। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ानी होगी। लोगों को तस्करों से न उलझने की सलाह दी जाती है। लेकिन दीपक जैसे युवा मदद करने से कैसे चूकें?परिजनों ने मांग की है कि हत्यारों को फांसी दी जाए। धरना अभी भी जारी है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता और नौकरी का वादा किया है। लेकिन परिवार का दुख कम होने वाला नहीं। दीपक का शव आज अंतिम संस्कार के लिए भेजा जाएगा। पूरा गांव उनके साथ खड़ा है। यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर कर रही है कि कानून व्यवस्था कैसे मजबूत हो।
